मेवाड़ में बुद्ध पूर्णिमा पर हुए अनेक रंगारंग कार्यक्रम

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वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस में बुद्ध पूर्णिमा धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर भगवान गौतम बुद्ध के जीवन चरित्र व आदर्शों पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। समारोह में मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डाॅ.अशोक कुमार गदिया ने भगवान गौतम बुद्ध के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि अपनी क्षमता से अधिक इच्छाएं मत पालो। क्षमता से अधिक इच्छाएं ही आज समाज को हर प्रकार से असंतुलित कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि ईसा से पांच सौ वर्ष पूर्व धर्म के नाम पर आडम्बर, दिखावा, धर्म के ठेकेदारों की मनमानियां, जातिवाद, वर्णवाद व वर्गवाद का बोलबाला था। ऐसे में बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिक्ख धर्म आदि की स्थापना हुई। भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद इंसान को इंसान बनाने और धर्म की पुनःस्थापना करने का बीड़ा उठाया। डाॅ.गदिया ने कहा कि मनुष्य अपनी जाति-प्रजाति स्वयं तय नहीं करता। उसका जन्म कहां-किस प्रकार हो रहा है, वही उसकी जाति-प्रजाति बन जाती है। ऐसे में कोई मत ऐसा नहीं कहता कि आप किसी धर्म का स्वेच्छा से पालन न करें। आप किसी भी धर्म के प्रति आस्थावान हो सकते हैं। धर्म जीवन जीने की पद्धति बताते हैं। जिसका हम पालन नहीं कर पाते, उसे भगवान मान बैठते हैं। उसे देवालयों में सजा लेते हैं। उसकी पूजा-अर्चना करने लगते हैं। इन सबका विरोध बौद्ध धर्म ने किया और भगवान के बजाय इंसानी उसूलों की स्थापना पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध ने अष्टांग विधि से अपने कष्टों व दुखों के निवारण की बात कही है। आज भी हम इस अष्टांग विधि से अपने दुखों व कष्टों पर पार पा सकते हैं।
इससे पूर्व डाॅ.गदिया, मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डाॅ.अलका अग्रवाल व विधि विभाग के महानिदेशक भारत भूषण ने मां शारदे, भारत माता व भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए व दीप प्रज्ज्वलन किया। समारोह में एचएसएस विभाग की छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। रितु राज वर्मा के गौतम बुद्ध पर आधारित उपदेश, आकांक्षा और कश्मीरी छात्र-छात्राओं ने भजन प्रस्तुत कर माहौल को भक्तिमय बना दिया। मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डाॅ.अलका अग्रवाल ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। साथ ही कहा कि विद्यार्थियों में वक्तृत्व कला व प्रस्तुतिकरण के प्रति आत्मविश्वास बढ़ता देखकर वह खुश हैं कि मेवाड़ प्रबंधन ने जो मुहिम शुरू की थी, वह रंग ला रही है। उन्होंने इस मुहिम को जारी रख और विद्यार्थियों में कला के प्रति आत्मविश्वास बढ़ाने की बात पर बल दिया। समारोह में तमाम फैकल्टी सदस्य व छात्र-छात्राएं मौजूद थे। समारोह का सफल संचालन अमित पाराशर ने किया।

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