मोदी सरकार के नोटबंदी फ़रमान से देश का मध्यमवर्गीय और ग़रीब आदमी गहरी मुसीबत में

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मोदी सरकार के नोटबंदी फ़रमान से देश का मध्यमवर्गीय और ग़रीब आदमी गहरी मुसीबत में

· देशभर के अस्पतालों में ईलाज के अभाव में हो रही हैं मौतें

· अस्पतालों का बिल ना चुका पाने की वजह से नहीं हो पा रहा है ईलाज

मोदी सरकार ने जिस तरह से 500 और 1000 रुपए के नोट बंद किए हैं उससे देश का मध्यमवर्गीय और ग़रीब आदमी गहरी मुसीबत में आ गया है। पिछले 24 घंटों में दिल को दहला देने वाली ख़बरें आ रही हैं। देश की सड़क को नापने वाला आम आदमी इतनी बड़ी मुसीबत में फंस गया है जिसकी वजह से लोगों की जानें जा रही हैं। मां का पार्थिव शरीर श्मशान घाट में रखा है और कफ़न खरीदने के लिए बेटा दर-दर की ठोकरें खा रहा है। लोग अस्पतालों में बिल नहीं चुका पा रहे हैं जिसकी वजह से मरीज़ ईलाज के अभाव में दम तोड़ रहा है।

प्रेस कॉंफ्रेंस में बोलते हुए आम आदमी पार्टी के दिल्ली संयोजक दिलीप पांडे ने कहा कि “हमें यह समझ नहीं आ रहा है कि 1000 और 500 का नोट बंद करके 2000 का नोट लाने और 500 का नोट दोबारा शुरु करने से भ्रष्टाचार पर लगाम कैसे लगेगी? और अब तो यह भी सुनने में आ रहा है कि 1000 का नोट भी नया आ रहा है तो देश यह जानना चाहता हैं कि फिर यह ड्रामा क्यों रचा जा रहा है? मोदी सरकार के इस कदम से देश का आम आदमी इतनी बड़ी मुसीबत में फंस गया कि इससे लोगों की जानें तक जा रही हैं। सरकार ने यह फ़ैसला लेने से पहले उस ग़रीब आदमी के बारे में नहीं सोचा जो रोज़ कमाता है और रोज़ खाता है। देश के अलग-अलग हिस्सों से दिल को दहला देने वाली खबरें आ रही हैं।

· गोरखपुर में एक महिला का देहांत सिर्फ सदमा लगने से हो गया क्योंकि उसके पास 500 और 1000 के नोट थे। यह महिला कोई काला धन कमाने वाली महिला नहीं बल्कि एक आम गृहिणी थी जिसको नोटबंदी की ख़बर सुनकर ही झटका लगा।

· नोएडा में बीजेपी के ही एक मंत्री डॉक्टर महेश शर्मा के अस्पताल में बिल ना चुका पाने की वजह से एक महिला की जान चली जाती है

· फ़ैजाबाद में एक व्यापारी का दिल का दौरा पड़ने से देहांत हो गया क्योंकि उसके पास भी उसकी मेहनत के 500 और 1000 के नोट थे लेकिन नोटबंदी की अचानक आई ख़बर को वो ना समझ पाया और ना ही सहन कर पाया।

· मधेपुरा, बिहार में एक लड़का अपनी मां के देहांत के बाद कफ़न नहीं खरीद पाया क्योंकि उसके पास सिर्फ़ 500 और 1000 के नोट मौजूद थे।

· उत्तर प्रदेश में एक बच्ची की मौत सिर्फ़ इसलिए हो गई क्योंकि उस बच्ची के पिता के पास 1000 रुपए के नोट थे और वो पेट्रोल पंप से पेट्रोल नहीं डलवा पाया और अपनी बच्ची को अस्पताल नहीं ले जा पाया।

“हम मोदी जी से पूछना चाहते हैं कि क्या इनमें से किसी का नाम पनामा लीक पेपर्स में था? क्या इनमें से कोई 80 हज़ार करोड़ रुपए का बैंक डिफ़ॉल्टर था जो देश का पैसा लेकर विदेश भागने वाला था? क्या इनमें से कोई काले धन का कारोबारी नज़र आता था? इन सभी मौतों की जिम़्मेदार सिर्फ और सिर्फ़ मोदी सरकार है। देश के अंतिम व्यक्ति के बारे में मोदी सरकार बिल्कुल नहीं सोचा और उसे मौत के कुएं में धकेल दिया गया। जबकि दूसरी तरफ़ विदेश में जमा अरबों-खरबों रुपए का काला धन जमा है और वो काला धन जिन भारतीयों का है उन पर मोदी जी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं”

दिलीप पांडे ने साथ ही कहा कि “यह जानकर बड़ा दुख हुआ कि जब वित्तमंत्री महोदय से एक पत्रकार ने पूछा कि लोग अस्पतालों में डिस्चार्ज से पहले बिल कैसे चुकाएंगे तो इसके जवाब में वित्त मंत्री महोदय ने कहा कि वो चेक से पेमेंट कर सकते हैं। मैं माननीय वित्तमंत्री महोदय को यह चुनौति देता हूं कि वो अपने नाम,रुतबे और चेहरे का इस्तेमाल किए बग़ैर किसी निजी अस्पताल से चेक में पेमेंट करके डिस्चार्ज कराकर दिखा दें। कोई अस्पताल चेक पेमेंट लेकर डिस्चार्ज नहीं करता। लेकिन अफ़सोस कि वित्त मंत्री जी ज़मीन से इतने कटे हुए हैं कि उनको इतनी छोटी सी बात नहीं मालूम। उनका यह ग़ैरज़िम्मेदार बयान उनके उच्च श्रेणी के अंहकार को दर्शाता है”

मोदी सरकार की तरफ़ से यह एक सोची समझी साज़िश के तहत हुआ है क्योंकि आज बाज़ार में भाजपा के कार्यकर्ता 1000 के नोट के बदले 100 रुपए के नोट में 800 रुपए देकर काला कारोबार कर रहे हैं और लोगों की मजबूरियों का फ़ायदा उठा रहे हैं। यह छूट उन्हें मोदी सरकार ने दी है। हम पूछना चाहते हैं कि भाजपाइयों के पास इतने 100 रुपए के नोट कहां से आए ? क्यों आख़िर देश के आम इंसान को इतनी बड़ी मुसीबत में डाला गया है?

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