सलाम नमस्ते में साहित्य के पितामह मुंशी प्रेमचंद को श्रद्धांजली

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नोएडा। इंस्टीट्यूट ऑफ मैंनेजमेंट स्टडीज (आई.एम.एस) नोएडा के कम्युनिटी रेडियो सलाम नमस्ते 90.4 में मुंशी प्रेमचंद की 134 वर्षगांठ मनाई गई। कार्यक्रम में संस्थान के छात्रों ने प्रेमचंद की रचना को पढ़कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर आईएमएस के स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एण्ड मास कम्यूनिकेशन के छात्र उपस्थित थे। कार्यक्रम में मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित कहानियों को छात्रों ने रेडियों नाटक श्रृंखला के लिए रिकॉर्ड भी किया।

बीजेएमसी की छात्रा कृतिका ने बताया कि मुंशी प्रेमचंद की कहनी आम जनजीवन से जुड़ी होती है। ‘ईदगाह’, कहानी का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर बालक हामिद का चरित्र-चित्रण मुंशी जी ने बड़े ही प्राभावीकारी एवं प्रेरणात्मक ढंग से किया है। वहीं सुभांगी ने कहा कि प्रेमचंद के संकलन के माध्यम से हिन्दी साहित्य के बारे में जानने का मौका मिला।

आईएमएस स्कूल ऑफ जर्नलिज्म के डीन डॉ.प्रो. नंदकिशोर त्रिखा ने बताया कि मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित कहानियां असल जिंदगी से जुड़ी है, बच्चों द्वारा पेश किए गए इस कार्यक्रम से हम सभी को मुंशी जी के कुछ बेहतरीन कहानियों के बारे में जानने का मौका मिला। मुंशी जी का संकलन आज भी हिन्दी साहित्य के प्रति युवा पिढ़ी को अपनी ओर आकर्षित करता है।

सलाम नमस्ते की स्टेशन हेड बर्षा छबारिया ने बताया कि लोगों को जागरूक करने के लिए ही सलाम नमस्ते ने रेडियों नाटक श्रृंखला की शुरूआत की है। इस कार्यक्रम में हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए सर्व-प्रथम प्रेमचंद की कहानियों को चुना गया है। आज छात्रों ने ‘पंच परमेश्‍वर’, ‘गुल्‍ली डंडा’, ‘दो बैलों की कथा’, ‘ईदगाह’, ‘पूस की रात’, ‘कफन’, ‘ठाकुर का कुंआ’, ‘बूढी काकी’, ‘विध्‍वंश’, ‘दूध का दाम’ और ‘मंत्र’ जैसी कहानियां रिकार्ड किया। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन मूलतः हिन्दी भाषा साहित्य के बारे में छात्र-छात्राओं के बीच जानकारी उपलब्ध कराना है। सलाम नमस्ते के श्रोता इस रेडियो नाटक को एक अगस्त के बाद नियमत तौर पर रविवार शाम 5-6 के बीच सुन सकेंगे।

 

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