स्वराज इंडिया : एक नई अखिल भारतीय राजनीतिक पार्टी का ऐलान

Galgotias Ad

story- स्वेच्छा से ‘सूचना के अधिकार’ के अंदर आने वाली भारत की इकलौती पार्टी। सहभागिता पर अधारित पारदर्शी उम्मीदवार-चयन प्रक्रिया। विधायकों पर कोई व्हिप नहीं, लेकिन ‘हार्स ट्रेडिंग’ पर रोक। हर स्तर पर ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ सुनिश्चित। “प्रेसिडीयम” मॉडल के साथ सामूहिक नेतृत्व। पार्टी के बुनियादी ढाँचे में संघीय व्यवस्था। 21वीं सदी के भारत का विजन “स्वराज दर्शन”। राजनीति में सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता और जवाबदेही के लक्ष्य के साथ स्वराज अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रशांत भूषण ने आज एक नई अखिल भारतीय राजनीतिक पार्टी “स्वराज इंडिया” के गठन की घोषणा की। प्रशांत भूषण ने घोषित किया कि योगेन्द्र यादव को सर्वसम्मति से पार्टी का प्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष और अजित झा को प्रथम राष्ट्रीय महासचिव निर्वाचित किया गया है। प्रो. आनंद कुमार स्वराज इंडिया के मार्गदर्शक एवं सलाहकार होंगे। दिल्ली में हुए स्थापना अधिवेशन में पार्टी के लाँच की घोषणा की गयी जिसमें लगभग सभी राज्यों के 400 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सभी लोगों ने स्वराज इंडिया के विज़न और मिशन के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया। पार्टी के संस्थापक सदस्य की सूची में पहला हस्ताक्षर प्रसिद्द वकील एवं पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण ने किया। अधिवेशन में बोलते हुए उन्होंने आशा व्यक्त किया कि नई राजनीतिक पार्टी विभाजनकारी और भ्रष्ट राजनीतिक पार्टियों का सामना करेगी और देश में सच्चा स्वराज लाएगी। संगठन में पारदर्शिता, जवाबदेही और आंतरिक लोकतंत्र के सिद्धांत को सुनिश्चित करने के बाद राजनीतिक पार्टी निर्माण का निर्णय लिया गया है। 31 जुलाई को राष्ट्रीय प्रतिनिधि अधिवेशन में 92.5% के भारी बहुमत के साथ लोगों ने राजनीतिक पार्टी बनाने के पक्ष में वोट किया और इसकी जिम्मेदारी पार्टी निर्माण समिति को दिया था। इस निर्णय के बाद सभी सदस्यों में रेफरेंडम कराया गया जिसमें भारी संख्या में लोगों ने पार्टी निर्माण के पक्ष में वोट किया।
प्रशांत भूषण ने कहा कि स्वराज अभियान एक गैर-राजनीतिक अभियान के रूप में अपना कैंपेन जारी रखेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि सरकार और सरकारी संस्थाएँ जनता की मर्जी से काम करें और जनहित में निर्णय लिए जाएँ। स्वराज अभियान के चार मुख्य कार्यक्रम चलते रहेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो और कार्यक्रम भी चलाए जाएँगे। स्वराज अभियान और स्वराज इंडिया दोनों की कार्यकारिणी अलग होगी। हालाँकि स्वराज इंडिया पार्टी में प्रशांत भूषण ने कोई कार्यकारी पद नहीं लिया है लेकिन वह इसके संस्थापक सदस्य हैं। उनकी अपेक्षा है कि स्वराज इंडिया देश में वैकल्पिक राजनीति का वाहन बनेगा।14 अप्रैल 2015 को अपनी स्थापना के साथ ही स्वराज अभियान भ्रष्टाचार विरोधी जनलोकपाल आन्दोलन के सच्ची विरासत को लेकर आगे बढ़ा है। 18 महीनों की अपनी यात्रा में स्वराज अभियान ने हमेशा सच्चे और सरोकारी मुद्दों को उठाया है। जय किसान आन्दोलन, एंटी-करप्शन टीम, अमन कमिटी और शिक्षा स्वराज जैसे कई कार्यक्रमों के जरिए स्वराज अभियान उन लोगों की आवाज़ बना जो विभाजनकारी राजनीति, कृषि संकट, भ्रष्टाचार और लोकतंत्र एवं सार्वजनिक संस्थाओं को आघात पहुँचाने वालों के खिलाफ संघर्षरत हैं स्वराज अभियान ने ग्रामीण भारत की अवहेलना और खेती-किसानी के संकट से जुड़े मुद्दों को जोरशोर से उठाया और ग्रामीण इलाकों में सूखा प्रभावित लोगों के लिए काम किया जिन्हें सरकार बुनियादी अधिकार देने से भी मुकर रही थी। जमीन पर जन आंदोलनों के अलावा इस मुद्दे को लेकर स्वराज अभियान सुप्रीम कोर्ट तक गया और सरकार को मजबूर किया कि विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं को सही मायने में और नीयत के साथ लागू किया जाए। एंटी-करप्शन टीम ने लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाई। एंटी-करप्शन टीम ने कोर्पोरेट कर्ज पुनर्गठन के नाम पर हुए घोटाले का खुलासा किया जिसमें सरकार ने कोर्पोरेट का 1.14 लाख का कर्जा माफ़ कर दिया, काला धन के मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बनाया, छत्तीसगढ़ सरकार के अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला का खुलासा किया। स्वराज अभियान ने दिल्ली सरकार द्वारा जन लोकपाल बिल को कमजोर करने और केंद्र सरकार द्वारा पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति गंभीर ना होने पर इसके खिलाफ कैम्पेन किया। ऐसे समय में जब विभाजनकारी राजनीति शीर्ष पर है अमन कमेटी के जरिए स्वराज अभियान ने यह जिम्मेवारी अपने ऊपर ली कि समाज में सौहार्द और भाईचारा कायम रहे। स्वराज अभियान ने शिक्षा स्वराज आन्दोलन के जरिए सबको शिक्षा और समान अवसर के लिए अभियान चलाया। साथ ही, हर विश्वविद्यालय में हुए संस्थागत हमले के खिलाफ स्वराज अभियान खड़ा हुआ। आज भारतीय गणराज्य के बुनियादी मूल्यों पर खतरा मंडरा रहा है। लोकतंत्र, विविधता और संवाद पर हमला हो रहा है, विडंबना यह है कि यह हमला वही कर रहे हैं जिन्हें इन मूल्यों की रक्षा करने का दायित्व दिया गया है। आज भारत के मूल विचार के सामने चुनौती है। दुर्भाग्य की बात है कि आज देश में कोई ऐसा राजनीतिक बल नहीं है जिसके पास विजन हो और जो इस चुनौती का सामना कर सके। स्वराज इंडिया इस कमी को पूरा करने की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेता है।
यह पार्टी कैसे अलग है? स्वराज इंडिया ने स्वेक्षा से आरटीआई के अन्दर आने का निर्णय लिया है और इसके लिए एक जन सूचना अधिकारी भी घोषित किया। स्वराज इंडिया ने निर्णय लिया है कि पार्टी में पारदर्शिता और सहभागिता पर आधारित उम्मीदवार चयन प्रक्रिया होगी।स्वराज इंडिया ने निर्णय लिया है कि सिर्फ़ ऐसे किसी मोशन के अलावा जो सरकार गिरने का कारण हो सकता है, इस पार्टी के जनप्रतिनिधियों पर “व्हिप” लागू नहीं होगा। स्वराज इंडिया ने निर्णय लिया है कि पार्टी के अन्दर हर स्तर पर “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रा” होगी और मतभेदों को भी आदर और जगह दी जाएगी। ऐसे समय में जब राजनैतिक पार्टियाँ व्यक्तिवाद और शक्ति केन्द्रीकरण से ग्रषित हैं, स्वराज इंडिया ने निर्णय लिया है कि पार्टी को “Presidium” जैसे संगठनात्मक मॉडल के अनुसार चलाया जाएगा जो इसकी सबसे बड़ी निर्णय लेने वाली संस्था होगी और संयुक्त नेतृत्व से चलेगी। ऐसे समय में जब राष्ट्रीय पार्टियाँ दिल्ली दरबार से चलती हैं, स्वराज इंडिया के संविधान में इस बात का ध्यान रखते हुए निर्णय लेने में विकेंद्रीकरण सुनिश्चित करने के लिए संघीय ढाँचा बनाया गया है जिसमें राज्य और जिला यूनिट को पर्याप्त शक्ति होगी। 7. ऐसी दुनिया में जहाँ राजनीतिक पार्टियाँ पुरानी विचारधाराओं, विभाजनकारी और खतरनाक नीतियों या लोकलुभावनी मुद्दों के आधार पर चल रही हैं, स्वराज इंडिया 21वीं सदी के भारत का विजन लेकर आया है जो “स्वराज दर्शन” नामक पुस्तक में लिखित है। स्वराज अभियान सच्ची वैकल्पिक राजनीति का आन्दोलन है। राजनीति में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए, यह सुनिश्चित करने के लिए कि सरकार एवं सरकारी संस्थाएँ जनहित में काम करें, इसके लिए स्वराज अभियान लोगों को जोड़ने और राष्ट्र निर्माण का अपना काम करता रहेगा। भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन और जनलोकपाल आन्दोलन और स्वराज अभियान के कार्यों की विरासत को लेकर नई राजनैतिक पार्टी स्वराज इंडिया चुनावी हस्तक्षेप के जरिए सच्चे स्वराज के उसी लक्ष्य के लिए काम करेगी।

JITENDER PAL NEW DELHI

Leave A Reply

Your email address will not be published.