ऽ स्काॅलरशिप घोटाले में नियमों को ताक पर रखा गया।

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छात्रवृत्ति घोटाले में समाज कल्याण और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने सभी नियमों को दरकिनार कर दिया। दोनों विभागों ने एक ही अकाउंट में पैसे भेजे हैं। बताया जा रहा है कि विभागों ने पात्र विद्यार्थियों को तो विभागों ने आधी फीस की धनराशि दी, लेकिन फर्जी अकाउंट में कई विद्यार्थियों की फीस भेज दी। कुछ ऐसे भी अकाउंट पाए गए हैं, जिनमें 10 बार से अधिक पैसे भेजे गए।
जिला प्रशासन की जांच कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कई बड़े चैकाने वाले खुलासे किए हैं। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने कोतवाली सूरजपुर पुलिस को जांच कमिटी की रिपोर्ट सौंपा है। इस रिपोर्ट में कुछ मामलों की विस्तार से जानकारी दी गई है। विभाग ने जो शिकायती पत्र पुलिस को दिया है, उसमें बताया गया है कि समाज कल्याण और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के बीच अच्छा तालमेल होने के पुख्ता सबूत है। जिस अकाउंट में पिछड़ा कल्याण विभाग ने पैसा भेजा है, उसी अकाउंट में समाज कल्याण विभाग ने भी पैसा भेज दिया है। जबकि स्टूडेंट्स को किसी एक विभाग से ही लाभ मिलना चाहिए था। इसमें पाया गया है कि पात्र विद्यार्थियों को शासन से निर्धारित फीस भी नहीं दी गई है। काफी संख्या में ऐसे विद्यार्थी हैं, जिन्हें दोनों विभागों ने 50 फीसदी राशि ही दी है, जबकि उन्हें पूरी फीस दी जानी चाहिए थी। जांच कमिटी की सेम्पल जांच में ही पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने करीब 2 करोड़ रुपए का गबन कर डाला है। कमिटी की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों विभागों ने मिलीभगत करके पात्र स्टूडेंट्स को उनके हक का पैसा भी दलालों के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया। बताया जा रहा है कि सैकड़ों स्टूडेंट्स को शासन से निर्धारित फीस की आधी धनराशि ही उनके अकाउंट में भेजी गई है। उस स्टूडेंट्स की आधी धनराशि दोनों विभागों और काॅलेजों की मिली भगत से खोले गए अकाउंट में भेजे गए हैं। पिछड़ा वर्ग विभाग में 10 फीसदी की जांच में करीब 192 लाख रुपए फर्जी तरीके से ट्रांसफर किए गए हैं। जबकि किसी भी पात्र स्टूडेंट्स को निर्धारित फीस की आधी या कम धनराशि नहीं भेजी जानी चाहिए। वहीं, विद्यार्थियों ने समाज कल्याण विभाग से शिकायत की थी कि उनकी फीस वेबसाइट पर अधिक दिखाई गई है, जबकि उन्हें उसकी आधी धनराशि ही दी गई है। इसमें कई विद्यार्थियों को स्काॅलरशिप का पैसा भी नहीं दिया गया है।

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