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March 6, 2015

SUPER HIT HOLI POEM

वस्त्र रंग चुके बहुत अब तक मन रंग सको तो अब होली है प्रेम से गले मिल सको किसी से तो होली है प्रेम-रंग बरसा, द्वेष छोड़ सको तो होली है पोँछ सको यदि आँसू किसी के तो होली है दुश्मन बहुत हैँ, मित्र बना सको तो होली है वीरान जिँदगी मेँ रंग भर सको…
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