दिल्ली में कैंसर का इलाज करा रहे 3 मरीज हुए कोरोना के शिकार, पढ़े पूरी खबर

Rohit Sharma

Galgotias Ad

नई दिल्ली :– दिलशाद गार्डन के पास जीटीबी अस्पताल परिसर में स्थित दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान कोरोना के लिए हॉट-स्पाट बन चुका है। तीन डॉक्टरों, 18 नर्सिंग स्टाफ के बाद अब यहां इलाज करा रहे तीन मरीज भी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं , इन मरीजों को तुरंत राजीव गांधी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

आपको बता दे कि अब इससे संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ गई है। क्योंकि इन मरीजों को एक दिन पहले तक कैंसर संस्थान में डॉक्टर देख रहे थे। इनकी देखरेख में नर्सिंग स्टाफ भी लगे हुए थे।

संस्थान के एक अधिकारी ने बताया कि कैंसर अस्पताल में भर्ती कुल 19 मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। इसके बाद करीब नौ मरीज स्वेच्छा से अस्पताल से घर चले गए। अभी दस मरीज भर्ती थे। जो रिपोर्ट आई उनमें तीन मरीजों में संक्रमण पाया गया है। अब इनके तिमारदारों के सैंपल भी जांच के लिए भेजे जाएंगे।

साथ ही इन्हें देखने वाले डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ को फिलहाल घर में क्वारंटाइन में रहने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यहां के अधिकतर डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की जांच हो चुकी है। इनमें 21 पहले ही पॉजीटिव पाए जा चुके थे। तीन मरीजों के साथ अब कुल 24 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। बता दें कि प्रीवेंटिव ऑनकॉलोजी के एक डॉक्टर के सबसे पहले संक्रमित होने का मामला सामने आया था। इसके बाद से यहां आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।

कैंसर संस्थान के एक डॉक्टर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि वह भी कोरोना से संक्रमित होकर राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती हैं। उनका कहना है कि अभी तक यह पता नहीं चला है कि संक्रमण की असली वजह क्या है? कुछ लोग कहते हैं कि एक नर्सिंग स्टाफ की वजह से ऐसा हुआ है, जो 22 मार्च तक अस्पताल आए थे। उनमें इस वायरस की पुष्टि हुई है। इसके बाद एक प्रीवेंटिव ऑनकोलॉजी के डॉक्टर संक्रमित हुए।

संक्रमण के खतरे को देखते हुए शुरू से ही ओपीडी बंद करने की मांग की गई, लेकिन यहां पर ओपीडी कई दिनों तक चलता रहा। बाद में जब मामले बढ़ने लगे, तब जाकर ओपीडी बंद किया गया। आलम यह है कि कैंसर संस्थान में अभी भी सात मरीज भर्ती हैं। इसके लिए डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ वहां पहुंच रहे हैं।

डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने खुद तीन अप्रैल तक डयूटी की है। चार अप्रैल को उनका सैंपल लिया गया है। छह अप्रैल को रिपोर्ट आई तो कोरोना की पुष्टि हुई। इस वजह से अब उन्हें अपने परिवार की चिंता भी सता रही है। क्योंकि वह ड्यूटी के बाद अपने घर जा रहे थे। उधर, कैंसर संस्थान में अभी भी भर्ती सात मरीजों को निजी अस्पतालों में भेजने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.