Mai Noida Hoo – Noida ki dard bhari kavita – Amit Sharma
नोएडा शहर की पीड़ा (मै नोएडा हूँ)
मैंने खूब तरक्की की, मुझको अपनों ने तोड़ा है ।
मै यू.पी. का एक शहर हूँ, मेरा नाम नोएडा है ।
आकर देख लिजिए साहिब, कैसे मेरे तेवर है ।
मेरे अंग ग्रेटर नोएडा और दादरी, जेवर हैn ।
केवल एक दशक मे मैने भ्रम दुनिया का तोड़ दिया ।
और तरक्की इतनी की, सिंगापुर पीछे छोड़ दिया ।
दुनियाभर से जनता आकर मेरे यहाँ समाई है ।
लेकिन मुझको पता नही है, किसने नजर लगाई है ।
लाशो की बस्ती बन बैठा, कैसे-कैसे जंजाल मिले ।
हुआ निठारी काण्ड यहाँ पर, बच्चो के कंकाल मिले ।
मेरी अंतरात्मा भी मेरा अस्तित्व पूछ रही है ।
आरूषि तलवार की चीखे मेरे अन्दर गूँज रही है ।
उगी हुई है नागफनी, फुलवारी छाटी जाती है ।
धर्म भावना भडकाकर गौ माता काटी जाती है ।
सौहार्द प्रेम था मेरे अन्दर, जो जलकर के खाक हुआ ।
क्रिया की प्रतिक्रिया का, एक शिकार अकलाख हुआ ।
मै भारत की राजनीति का सदा अखाडा बनता हूँ ।
कभी कभी मै घोडी-बछेडा, कभी बिसाहडा बनता हूँ ।
मुझे सियासी लोग बताओ, किस किसको मरवाओगे ।
केवल मूँछो की खातिर, हत्या कितनी करवाओगे ।
एक समुद्र है जितना, मेरे उतने आँसू बहते है ।
शिक्षा हब अब नही बोलते, क्राइम कैपिटल कहते है ।
ऐसा ही गर यहाँ चलेगा देखो कहर हो जाएगा ।
कोई नही बचा पायेगा, नरक शहर हो जाएगा ।
मेरे अन्दर जितनी पीड़ा, सबके सम्मुख खोल रहा हूँ ।
मै नोएडा हूँ मै नोएडा हूँ, रोते रोते बोल रहा हूँ
AMIT SHARMA
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