सीवर की सफाई’ में लगातार टूट रही सांसों को लेकर वाल्मीकि समाज ने किया विशाल प्रदर्शन

Shaihzad Abid (Photo/Video) By Lokesh Goswami Ten News Delhi :

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सफाई कर्मियों की दयनीय स्तिथि और सीवर में लगातार हो रही मौत के विरोध में हजारों वाल्मीकि समाज के लोगों ने दिल्ली में एक बहुत बड़ा प्रदर्शन किया। सीवर मेन की हो रही हत्याओं के खिलाफ आवाज उठाने के लिए हजारों वाल्मीकि समाज के लोग आज जंतर-मंतर पर एकजुट हुए ।



दिल्ली में हो रहे विशाल प्रदर्शन को स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव, वाल्मीकि समुदाय के नेता दर्शन रतन रावण और अनेक नेताओं ने भाग लिया, योगेंद्र यादव ने भाषण देते हुए वाल्मीकि समाज के लोगों को विश्वास दिलाया कि उनका समर्थन हमेशा वाल्मीकि समाज के साथ है।

वाल्मीकि समाज से आए लोगों का कहना है, “भारत में रोज एक जिंदा इंसान देश को स्वच्छ रखने के लिए शिविर में उतरता है मगर बाहर जिंदा नहीं आता , फिर उसके पीछे दूसरा एक साथी भी है जो पहले वाले को बचाने के लिए सीवर के अंदर जाता है और मौत का ग्राफ बढ़ जाता है, कई बार यह आंकड़ा 3 तक भी पहुंचा है। मगर सरकारों, राजनीतिक दलों, प्रशासन व पार्षदों को इसके बारे में कोई फ़िक्र नहीं है | वही यह सब एक हादसा बताकर इस मामले को भूल जाते है |

प्रदर्शनकारियों का यह कहना है कि हमारे राजनैतिक दलों और सामाजिक संगठन इतने अमानवीय हो चुके हैं कि रोज हो रही सीवरमैन की हत्या को किसी ने अपना मुद्दा नहीं बनाया है, इसका कारण है जातिवाद की सफाई का पेशा एक जाति के नाम पर थोप दिया गया है अब उसका निवारण कोई नहीं चाहता कितना जातिवाद है कि शहीद होने के बावजूद जातीय आधार पर संसार में अंतिम संस्कार रोक दिया जाता है।

वाल्मीकि समाज के लोगों का यह कहना है की सीवरमैन दूसरों को स्वच्छ वातावरण देने की चाहत में गंदगी में उतर जाता है स्मृतियों की तरफ चला जाता है।

प्रदर्शनकारियों की सरकार से जो मांगे हैं उनमें से कुछ महत्वपूर्ण मांगे यह है:-

– गटर साफ करने के लिए जहां तक संभव हो किसी भी आदमी को सीवर में ना उतारा जाए।

– सीवरमैन और सफाई कर्मचारी की भर्ती के साथ थी उसका मेडिक्लेम प्रारंभ हो जाना चाहिए।

– सीवर विभाग का जूनियर इंजीनियर पहले जांच करेगा सीवर की और काम हो जाने तक वहीं सीवर के पास खड़ा रहेगा।

– कर्मचारी के साथ कोई दुर्घटना हो जाए तो उसकी पूरी जांच कम से कम एसडीएम से कराई जाए, एक ही क्षेत्र में अगर ऐसी दुर्घटना हो जाती है तो जांच के दायरे में वहां के पार्षद को भी लाया जाए।

– सीवर में काम करते समय मृत्यु हो जाने पर परिवार को योग्यता अनुसार पक्की नौकरी और 50 लाख का मुआवजा दिया जाए।

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