नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अगले महीने की पहली तारीख से एक बहुत बड़े आंदोलन पर बैठने जा रहे हैं। अरविंद केजरीवाल का यह कदम दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए होगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री का कहना है कि जब तक दिल्ली को पूर्ण राज्य नहीं मिलेगा तब तक दिल्ली के विकास में केंद्र सरकार बाधा डालती रहेगी, केजरीवाल ने पहले भी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए अनशन किए हैं।
केजरीवाल का अनशन शुरू होने में लगभग 1 सप्ताह है लेकिन अभी से केजरीवाल का अनशन सुर्खियों में है।
लेकिन अभी से अनशन को लेकर बहुत सारे सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं।
क्या केजरीवाल विशाल अनशन फिर से कर पाएंगे जैसा उन्होंने 2012 में अन्ना हजारे के साथ किया था, जिसमें देशभर से उन्हें समर्थन मिला था और वह केंद्र में कांग्रेस की सरकार को सत्ता से हटाने में कामयाब हुए थे।
क्या इस बार भी दिल्ली की जनता केजरीवाल का समर्थन करेगी या फिर यह सब 2019 के चुनाव में आम आदमी पार्टी द्वारा अपनी राजनीतिक जमीन बनाने के लिए एक स्टंट होगा।
एक तरफ जहां अरविंद केजरीवाल अपनी सरकार की 4 साल की उपलब्धियां गिनाते हैं वहीं भारतीय जनता पार्टी मानती है कि अरविंद केजरीवाल ने 4 साल में सिर्फ दिल्ली की जनता को मूर्ख बनाया है और दिल्ली की जनता के साथ धोखा किया है।
अब देखना ये होगा कि जनता इस आंदोलन का कितना समर्थन करती है।