माटी कला बोर्ड के जरिए 2300 हस्तशिल्पकारों को मिलेगा प्रशिक्षण

Saurabh Kumar / Baidyanath Halder

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Greater Noida (30/08/2019) : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथसरकार कुम्हारों के लिए माटी कला बोर्ड के जरिए मिट्टी के बर्तनों को विलुप्त होने से बचाने और उन्हें रोजगार देने के प्रयास में है। इसके लिए अब कुम्हारों को प्रशिक्षित कर सस्ता ऋण मुहैया कराया जाएगा।



इसी क्रम में आज माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति ने जिले के वरिष्ठ अधिकारीयों के साथ बैठक की साथ ही। इस दौरान जिले के विभिन तहसीलों से पहुंचे तमाम ग्रामीणों की समस्या सुनी और तत्काल अधिकारीयों को निर्देशित करते हुए निस्तरण का आदेश दिया। इसके बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों और बैठकों में मिट्टी से बने बर्तनों का प्रयोग होना चाहिए। माटी कला से जुड़े लोगों को अधिक काम देकर उनके रोजगार में बढ़ोतरी करनी होगी। प्रदेश सरकार इसे लेकर गंभीर है।

माटी कला से जुडे़ परिवारों की संख्या की सूची एकत्र कराई जा रही है जिसमे प्रदेश के 12 हजार गांवों का आंकड़ा अभी पहुंचा है, जिनमें माटी कला का कार्य किया जाता है। लेखपालों को लगाकर एक सप्ताह में चिह्नीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया जाए। अगर कही पट्टे पर अवैध कब्जा है तो तत्काल उसे कब्जामुक्त कराया जाए। अगर मछली पालन करने वाला माटी कला से जुडे़ लोगों को तालाब से मिट्टी नहीं निकालने दे रहा है तो ऐसे पट्टे तत्काल निरस्त किए जाएं।

उन्होंने कहा कि मिट्टी के काम करने वालों को पट्टे आवंटित किए जाएं। ग्राम प्रधानों को भी इस संबंध में सूचित कर दिया जाए। माटी कला से जुडे़ ऐसे लोग जिनके पास आवास नहीं हैं, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास उपलब्ध कराए जाए। माटी कला से जुडे़ लोगों की समिति बनाई जाए। माटी कला का कार्य करने वालों लोगों को आवंटित पट्टों को चकबंदी से बाहर रखा जाएगा। सभी सरकारी विभागों में आयोजित बैठकों आदि में प्लास्टिक का प्रयोग न किया जाए। पीने के पानी व चाय के लिए कुल्हड़ का प्रयोग करें।

मिट्टी में 26 पोषक तत्व मौजूद होते हैं। अगर हम मिट्टी से बने बर्तनों का प्रयोग करेंगे तो हमारा स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। संपूर्ण समाधान दिवस पर मिट्टी क बर्तनों को एक टेबल पर रखवाने की व्यवस्था कराई जाए। जनपद में एक दुकान ऐसी हो, जिसमें मिट्टी के बर्तन को रखा जाए, ताकि कोई भी वहां से इन्हें खरीद सके। उन्होंने कहा कि भविष्य में रोडवेज बस स्टैंड पर भी एक दुकान में मिट्टी के बर्तन प्रदर्शित किए जाने का प्रयास है। उन्होने बताया कि प्रदेश में 2300 माटी कला का कार्य करने वाले लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

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