ओडिसा की महिला जज ने नोएडा में लगाई शोषण के खिलाफ इंसाफ की गुहार

ABHISHEK SHARMA

Noida (03.0919) : नोएडा में ओडिशा की एक महिला जज ने  मीडिया से  इंसाफ़ की गुहार लगाई है।  ओडिशा के नयागढ़ जिले में सीनियर डिविज़न असिसटेंट सेशन महिला कोर्ट में तैनाती के दौरान दीपा दास ने शारिरिक और मानसिक शोषण का आरोप  ज़िला जज और बार एसोसीएशन पर लगाया।वर्तमान में दीपा दास जिला लीगल सर्विस प्राधिकरण, गजपति ,परलाखेमुंडी में सेक्रेटरी के पद पर तैनात है।



दरअसल दीपा दास 2017 में सिविल जज सिनीयर डिविजन असिस्टेंस सेशन जज महिला कोर्ट नया गढ उडीसा में तैनात थी। उन्होंने बताया उसी दौरान वहां काम करने वाले वकील  मुझपर दवाब देते थे कि अधिकतर मामलों में फैसला न कर उन्हे तारीख दी जाए। जब मैने उनकी बात नहीं सुनी और मामलों आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जो सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग के अनुसार थी।

उससे नाराज होकर बार एसोसिएशन ने मेरे खिलाफ जिला जज से शिकायत की, तब मुझे असंत कुमार दास जिला जज नया गढ ने मुझे बुलाकर वकीलों की अनुचित मांगों को मानने व उनके मुताबिक कार्य करने को कहा। उसपर मैने उनसे लिखित आदेश देने के लिए कहा, उसके बाद उन्होने मुझे बाहर भेज दिया। उसके बाद बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी के सदस्यों द्वारा मेरे कोर्ट का बायकाॅट कर दिया, जिसके लिए मुझे कोई नोटिस भी नहीं दिया गया।
उसके बाद 6 जनवरी 2018 वकीलों ने मेरे कोर्ट के सामने आकर बैनर लगाकर गालियां देते हुए व अभद्र व्यवहार कर मुझे ट्रांसफर करने की मांग करने लगे। इस बीच उन्होने मेरे साथ गलत व्यवहार किया। साथ ही स्टाफ का भी बाहर निकाल दिया। जिसके बाद मैने पुलिस को फोन कर बुलाया जिसके बाद सभी चले गए और पुलिस सुरक्षा में मैं बाहर गई। सारी घटना पुलिस के साथ जिला जज को अवगत कराया।
मैने सुरक्षा मांगी तो जिला जज ने सुरक्षा देने से मना कर दिया। उसके बाद फिर से वकीलों ने दुव्र्यवहार किया। उसके बाद मैने हाइकोर्ट से सुरक्षा मांगी एसएसपी को भी चिटढी लिखी जिसका कोई लाभ नहीं हुआ। फिर वे लोग धमकी और गाली गलौच करते हुए यातना देने लगे। साथ ही मेरे कपडे फाडने शुरू कर दिया। मैने बाथरूम में घुसकर अपने आप को बचाया। फिर से पुलिस सुरक्षा में घर गई। फिर जिला जज के माध्यम से एफआईआर दर्ज करवाई पर अभी तक कुछ नहीं हुआ। उसके दो दिन बाद मुझे जिला गजपति सेकेट्ररी जिला लीगल ट्रांसफर कर दिया गया। जहां मै अभी भी कार्यरत हूं।
उसके बाद मैने अपने साथ हुई घटना के संबंध में कई जगह जैसे हाइकोर्ट उडीसा, राष्ट्रीय महीला आयोग दिल्ली, कानून मंत्रालय भारत सरकार, ग्रह मंत्रालय भारत सरकार, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार, राट्रपति भारत सरकार को शिकाकयत दी। लेकिन आज तक मुझे न्याय नहीं मिल सका है। इनमे से महिला आयोग ने कोर्ट केस का बहाना लगा कर मुझे अनसुना कर दिया जो बेहद निराशाजनक है। मेरा कोई केस कोर्ट में नही है।
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