नोएडा : शिल्पोत्सव मेले में मालिनी अवस्थी के सुरों ने बांधा समां, दर्शकों ने उठाया लुत्फ़  

ROHIT SHARMA / ABHISHEK SHARMA

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नोएडा के सेक्टर 33 स्थित शिल्प हाट में आयोजित शिल्पोत्सव के समापन पर शनिवार की शाम मशहूर लोक गायिका मालिनी अवस्थी के नाम रही | मालिनी ने लोकगीतों का ऐसा समा बांधा कि समारोह में मौजूद दर्शक झूम उठे और कड़ाके की ठंड में लोग कार्यक्रम का आनंद उठाते रहे |

आपको बता दे कि कार्यक्रम की शुरुआत मशहूर गायिका मालिनी अवस्थी व नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रितु माहेश्वरी ने दीप प्रज्वलन के साथ की , इसके बाद मालिनी अवस्थी की गायकी ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया |

शहर में मालिनी अवस्थी ने उनकी मशहूर गजल ‘इक लफ्ज-ए-मोहब्बत का, अदना सा फसाना है…सिमटे तो दिले आशिक, फैले तो जमाना है’ सुनाई। ढोलक की थाप पर ‘मनाए लाओ देवी को, चांदी की गिलसिया में पानी परोसा.. पिलाए लाओ देवी को..’ गाकर उन्होंने श्रोताओं को आनंदित कर दिया।

वियोग के गीत ‘रेलियां बैरन पिया को लिए जाए रे..’ से उन्होंने पति और पत्नियों के प्यार को शब्दों के धागे में पिरो दिया। साज में की बोर्ड पर सचिन, बेस गिटार पर सेवक, तबले पर मुकेश मधुकर, ढोलक पर अमित ने साथ दिया।

प्रस्तुति के दौरान मालिनी ने “जब रेलिया बैरन पिया के लिए जाए रे” ,  और दिल मेरा मुफ्त का गाना शुरू किया तो लोगों का हुजूम जोरदार तालियों से उनके साथ गाने गाने लगा इस दौरान लोगों ने कार्यक्रम का भरपूर लुफ्त उठाया |

कार्यक्रम में नोएडा प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्रुति उमेश जी इंदु प्रकाश सिंह अविनाश त्रिपाठी , एससी मिश्रा समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे | वही शिल्पोत्सव के दिन शनिवार को लोगों ने खूब खरीदारी की सूती कपड़ों की स्टॉल पर महिलाओं का तांता लगा रहा | इससे ग्राहकों की राह ताक रहे दुकानदारों के चेहरे खिल गए |

21 दिसंबर से चल रहे शिल्पोत्सव का औपचारिक समापन शनिवार को कार्यक्रम स्थल पर किया गया , हालांकि शहर वासियों के लिए समापन आज होगा , लोग आज भी यहां खरीदारी कर सकेंगे | इसके साथ ही 10:00 बजे से 1:00 बजे तक आज पेंटिंग प्रतियोगिता भी है ,  इसमें अलग-अलग वर्ग के बच्चे हिस्सा लेंगे | इसके साथ ही स्तरगलिप्स संस्था की ओर से गायन प्रतियोगिता , मॉडलिंग  व फैशन शो एक्टिंग आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी|

वही  टेन न्यूज़ ने मशहूर लोक गायिका मालिनी अवस्थी से खास बातचीत की , वही इस शिल्पोत्सव मेले को लेकर मालिनी अवस्थी ने जमकर तारीफ की |  लोकगायिकी को समझाते हुए मालिनी बोलीं कि लोकगीत क्या है, मन के भाव ही है। जीवन के हर पल को लोकगीतों में बुना गया है। हम मेघों के आसमान में घुमड़ने पर गाते हैं, नहीं बरसे तो भी गाते हैं। कजरी, सावन, भादों यानि बरसात के महीने में गाई जाने वाली लोक संगीत है। जब काले मेघ आसमान में घूमने लगें, तब लोग मस्त होकर कजरी गाते हैं।  इनका सृजन मनोरंजन के लिए नहीं हुआ था।

उन्होंने कहा कि अब परिवार नहीं रहे, तो लोकगायिकी को भी नुकसान हुआ है। ननद, भाभी की ठिठोली अब कहां है। मान-अभिमान, रूठने में अब प्यार नहीं है। सास-बहू के बीच मनमुटाव भी तो गाया जाता था। अब ऐसा कहां है। परिवार का मतलब भी पति, पत्नी और बच्चे नहीं है। परिवार का मतलब मुंडेर पर बैठी चिरैया, कागा, वो आसमान का बदरा, सब हैं।

मैं कहना चाहूंगी कि डिजिटल मीडिया से लोकगीतों के सुनने वालों में बढ़ोत्तरी हुई है। अब परिवार तो बचे नहीं, यू ट्यूब पर ही लोग लोकगीतों को सुनकर आनंदित होते हैं। यह भी बड़ा बदलाव है।

वही दूसरी तरफ शिल्पोत्सव मेले को नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितू माहेश्वरी ने कहा की 21 दिसंबर से चल रहे शिल्पोत्सव का औपचारिक समापन शनिवार को कार्यक्रम स्थल पर किया गया , हालांकि शहर वासियों के लिए समापन आज होगा , लोग आज भी यहां खरीदारी कर सकेंगे | साथ ही उन्होंने कहा की इस मेले में लोगों का अच्छा रिस्पांस मिला है , आगे भी ऐसे कार्यक्रम नोएडा हाट में होते रहेंगे |

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