ग्रेटर नोएडा : ‘जिम्स’ के स्वास्थयकर्मी बैठे धरने पर, प्रबंधन पर लगाए गुमराह करने समेत अन्य गंभीर आरोप

Abhishek Sharma

Galgotias Ad

कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे वॉरियर्स की हौसला अफजाई के लिए कभी फूल बरसाए जा रहे हैं तो कभी नियम-कानून में बदलाव किया जा रहा है। बावजूद इसके कोरोना वॉरियर्स की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी प्रदर्शन कर रहे हैं।

दरअसल, कोरोना के सबसे ज्यादा मरीजों को ठीक करने वाले हॉस्पिटल जिम्स के स्वास्थ्यकर्मी धरने पर बैठ गए हैं। धरने पर बैठे आउटसोर्स स्टाफ ने घटिया क्वालिटी की पीपीई किट देने का आरोप लगाया है। साथ ही स्वास्थ बीमा, सभी स्वास्थ्यकर्मियों की जांच और आउटसोर्स नर्स को परमानेंट करने की मांग की जा रही है।

ग्रेटर नोएडा स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में आज सुबह से हंगामा चल रहा है। यहां कार्यरत 300 से अधिक स्वास्थ्यकर्मी अपना कार्य त्याग कर बाहर आ गए हैं। यह सभी कर्मचारी संविदा पर तैनात हैं। आरोप है कि जिम्स प्रबंधन कर्मचारियों को घटिया पीपीई किट देकर काम करा रहा है। जिसके चलते बीते दिनों 6 स्वास्थ्यकर्मी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं।

वहीं कर्मचारियों का आरोप यह भी है कि रात-दिन एक कर रहे कर्मचारियों को पर्याप्त खाना तक नहीं मिल रहा है। यदि कोई आवाज उठाता है तो उसे नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है।

जिम्स प्रबंधन पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कर्मचारियों ने बताया कि बीते दिनों उनके 6 साथी कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। जिनके परिवार तक को क्वारंटीन करते हुए उनके घरों को सील कर दिया गया है। लेकिन उन्हें जिम्स का कर्मचारी तक नहीं बताया गया है।

इसके अलावा कोरोना संक्रमित पाए गए संविदा कर्मियों में से कई हॉस्टल में अन्य स्टॉफ के साथ रह रहे थे। जहां से उन्हें क्वारंटीन किया गया है। लेकिन उनके संपर्क में आए अन्य स्टॉफ को ना तो क्वारंटीन किया जा रहा है और ना ही उनके टेस्ट कराए जा रहे हैं। जिसके चलते संस्थान में कार्यरत अन्य स्टॉफ भी भयभीत है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.