गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में चिकित्सा मनोविज्ञान के कार्यक्रम को मिली मान्यता
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय को एम फिल क्लिनिकल साइकोलॉजी चलाने के लिए भारतीय पुनर्वास परिषद के द्वारा अगले 5 साल के लिए 10 सीटों पर संबद्धता प्रदान की गई है। ज्ञात हो कि यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय द्वारा पिछले 8 वर्षों से jb चलाया जा रहा है और विश्वविद्यालय का मनोविज्ञान एवं मानसिक चिकित्सा विभाग इस कार्यक्रम के द्वारा विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों मे अपना उत्कृष्ट योगदान दे रहा है एवं मानसिक समस्याओं पर लोगों को अपनी सेवाएं भी प्रदान कर रहा है। यद्यपि अभी तक विश्वविद्यालय द्वारा इस कार्यक्रम के लिए केवल 6 अभ्यर्थियों को लिया जाता था परंतु बढ़ती हुई मानसिक समस्याओं सामाजिक जरूरतों को देखते हुए विश्वविद्यालय ने इस बार परिषद से 10 सीटों पर चयन की संबद्धता प्राप्त की है वर्तमान परिपेक्ष में कोरोनावायरस संक्रमण के दौरान जिस तरह समाज में मानसिक व सामाजिक संकट देखने को मिले ऐसे में चिकित्सा मनोविज्ञान की उपयोगिता महत्वपूर्ण प्रतीत होती है समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग एवं जन समुदायों को चिकित्सा मनोविज्ञान विशेषज्ञों द्वारा काउंसलिंग एवं अन्य मनौपचार समय-समय पर उपलब्ध कराएं जाने एवं लोगों को इस संकट काल से बाहर निकलने में महत्वपूर्ण मदद प्रदान की जाती है गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय मनोविज्ञान एवं मानसिक स्वास्थ्य विभाग भी इस कार्य में अग्रणी रहा है और अपने विभाग के संकाय सदस्यों एवं शोध छात्रों की मदद से गौतम बुध नगर के लगभग तीन चार हजार लोगों को अपनी मनोवैज्ञानिक सेवाओं से लाभान्वित किया है आज हम जिस प्रकार की जीवन शैली एवं मनो सामाजिक चुनौतियों से अपने जीवन में दिन प्रतिदिन टकराते हैं ऐसे में मनोविज्ञान अध्ययन एक महत्वपूर्ण विषय के तौर पर सामने उभर कर आया है गौतम बुध विश्वविद्यालय का मनोविज्ञान एवं मानसिक स्वास्थ्य विभाग चिकित्सा मनोविज्ञान के क्षेत्र में अभ्यर्थियों के शिक्षण एवं प्रशिक्षण शोध कार्य के लिए अत्यंत ही उपयुक्त विभाग साबित हो रहा है एवं स्नातक परास्नातक तथा मनोविज्ञान के उच्च अध्ययन के क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन कर रहा है वर्तमान में मनोविज्ञान विषय के अध्ययन में लोगों की अत्यधिक रूचि को देखते हुए विभाग ने अपने सभी कार्यक्रमों में सीटों की संख्या में बढ़ोतरी की है इतना ही नहीं कोरोना संक्रमण के बावजूद भी अभी तक अत्यधिक अभ्यर्थियों को अपनी तरफ आकर्षित करने में सफल रहा है तथा विभाग के प्रत्येक प्रोग्राम में 50 से अधिक अभ्यर्थियों को प्रवेश दे चुका है विभाग उपरोक्त शिक्षण प्रशिक्षण के अतिरिक्त तमाम ऐसे कार्यक्रम एवं शिविर का आयोजन भी करता है जिससे समाज में मानसिक परेशानियों के प्रति ग्रंथियों को दूर किया जा सके एवं मनोवैज्ञानिक उपचार के लिए प्रेरित किया जा सके विभाग के द्वारा इस संबंध था को प्राप्त करने एवं मनोविज्ञान अध्ययन के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित करने के कारण हर्ष का माहौल है उपरोक्त उपलब्धि पर विभाग के समस्त संकाय सदस्यों छात्र एवं छात्राओं ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी पी शर्मा एवं समस्त अधिकारी गणों के प्रति आभार प्रकट किया है विभाग के अध्यक्ष डॉ आनंद प्रताप सिंह ने बताया कि एम फिल क्लिनिकल साइकोलॉजी के उपरोक्त 10 सीटों के चयन के लिए पहले से ही लगभग 300 आवेदन पत्र प्राप्त हो चुके हैं और सभी अभ्यर्थियों को इसकी लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार परीक्षा के लिए अवगत कराया जा चुका है विश्वविद्यालय में उक्त कार्यक्रम के लिए लिखित परीक्षा दिनांक 28 अक्टूबर 2020 एवं साक्षात्कार के लिए दिनांक 6 नवंबर 2020 को निर्धारित किया है