New Delhi: दिल्ली के जंतर मंतर पर आज सीटू सहित अन्य ट्रेड यूनियन संगठनों ने मिलकर केंद्र और दिल्ली सरकार के मजदूर विरोधी नीतियों का जमकर विरोध किया। ठेकेदारी प्रथा, बेरोजगारी, कर्मचारियों की छटनी, शर्म कानून को खत्म करने और कमर तोड़ महंगाई के विरोध में लोगों ने धरना दिया।
ट्रेड यूनियन संगठन ने मांग किया कि सफ़ाई और अन्य नयमित होने वाले कार्यों से ठेकेदारी प्रथा खत्म किया जाए। कर्मचारियों सहित सभी कामगार को संस्थान में उनके भर्ती होने की तारीख से पक्का किया जाए।
महंगाई के चलते न्यूनतम वेतन २००० रूपए घोषित किया जाए, 44 श्रम कानून को खत्म करके बनाए गए चार लेबर कोड वापस लाये जाए। निजीकरण को रोका जाए और आरक्षण को बकरार रखा जाए। कोरोना के कारण बेरोजगार हुए 7500 प्रति माह भत्ता दिया जाए।
एनडीएमसी में सभी टीएमआर और डेथ केस कर्मचारियों को ब्रेक देना बंद किया जाए और इन लोगों को परमानेंट किया जाए। कोरोना में शहीद हुए कर्मचारियों को एक एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए। इसके साथ सभी परिवारों को एक एक सरकारी नौकरी दी जाए। इन सभी मांगों को लेकर ट्रेड यूनियन ने धरना दिया।