ब्रेकथ्रू इंडिया का अखिल एशियाई वर्चुअल सम्मेलन ‘रीफ्रेम’ 2 मार्च से

टेन न्यूज़ नेटवर्क

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नई दिल्ली, 27 फरवरी, 2022: ब्रेकथ्रू इंडिया का 3 दिवसीय अखिल एशियाई वर्चुअल सम्मेलन ‘रीफ्रेम’ गैर लाभकारी संस्थाओं, उद्योग जगत के विशेषज्ञों, विचारकों एवं मीडिया को एक ही मंच पर लेकर आएगा, जहां उन्हें इस विषय पर चर्चा करने का मौका मिलेगा कि कैसे हमारे भविष्य को लिंग आधारित हिंसा से मुक्त बनाया जा सकता है? ब्रेकथ्रू भारत में स्थिति एक स्वंयसेवी संस्था है, जो पॉप संस्कृति एवं मीडिया के माध्यम से महिलाओं एवं लड़कियों के साथ होने वाली हिंसा के खिलाफ़ आवाज़ उठाता है। लिंग आधारित हिंसा का अर्थ है लिंग के आधार किसी व्यक्ति के साथ भेदभाव या उसके साथ दुर्व्यवहार करना। ऐसा दुर्व्यवहार सार्वजनिक या व्यक्तिगत रूप से किया जा सकता है। लिंग आधारित हिंसा का मुख्य कारण है लिंग असमानता और अपनी क्षमता का दुरूपयोग।

अखिल एशियाई वर्चुअल सम्मेलन की शुरूआत 2 मार्च से होगी, जहां विभिन्न हितधारक लिंग आधारित हिंसा और समाज पर इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे। इस सम्मेलन में कई एशियाई देशों के प्रवक्ता भी हिस्सा लेंगे।

सम्मेलन के दौरान लिंग आधारित हिंसा एवं लिंग आधारित भेदभाव की रोकथाम और इसके समाधानों पर चर्चा की जाएगी। यह सम्मेलन एक ऐसे मंच की भूमिका निभाएगा जहां विभिन्न एशियाई देशों के प्रवक्ता लिंग आधारित हिंसा के समाधानों पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे और अपने अनुभवों को साझा करेंगे। यह सम्मेलन एशियाई संदर्भ में भावी एजेंडा का निर्माण भी करेगा, जहां प्रवक्ता इस महत्वपूर्ण विषय से जुड़े सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए योजनाओं पर भी विचार-विमर्श करेंगे।

सम्मेलन और मौजूदा संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता पर बात करते हुए ब्रेकथ्रू इंडिया की ग्लोबल-एडवोकेसी डायरेक्टर, उर्वशी गांधी ने कहा, ‘‘इस सम्मेलन को लेकर हम बेहद उत्सुक हैं जो लिंग आधारित हिंसा के मुद्दे को हल करने के लिए विभिन्न हितधारकों को एक ही मंच पर लेकर आएगा। यह सम्मेलन न सिर्फ एशिया में लिंग आधारित हिंसा से जुड़ी चुनौतियों पर रोशनी डालेगा बल्कि इसके सामाजिक आर्थिक प्रभाव और इसे हल करने के तरीकों पर भी विचार-विमर्श को बढ़ावा देगा। एक अनुमान के मुताबिक दुनिया भर में हिंसा के चलते 1.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान होता है और कोविड के प्रभावों को देखते हुए ये आंकडे और अधिक बढ़ सकते हैं। मेरा मानना है कि यह सम्मेलन क्षेत्र में लिंग आधारित हिंसा से निपटने के लिए कारगर समाधान प्रस्तुत करेगा और ऐसी नीतियों के निर्माण को बढ़ावा देगा, जिनसे दुनिया को हिंसा मुक्त बनाया जा सके और सभी के लिए लिंग समानता को सुनिश्चित किया जा सके।“

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्रीय अनुमानों के मुताबिक दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्वी एशिया क्षेत्रों में अपने ही साथी द्वारा हिंसा के क्रमशः 43 फीसदी और 33 फीसदी मामले दर्ज किए जाते हैं। चार दक्षिण एशियाई देश (बांग्लादेश, भारत, पाकिस्तान, नेपाल) इस दृष्टि से शीर्ष पायदान के 15 देशों में शामिल हैं, जहां किए गए जनसांख्यिकी एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षणों में अपने ही साथी के द्वारा हिंसा के सबसे ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। इस संदर्भ में यह सम्मेलन बेहद फायदेमंद साबित होगा और लिंग आधारित हिंसा को हल करने के लिए आवश्यक चर्चा को बढ़ावा देगा। एशियाई देशों से 3000 प्रतिनिधि इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। सम्मेलन का समापन 4 मार्च 2022 को होगा।

सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रजिस्टर करें: https://inbreakthrough.org/call-for-submissions-registration/

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