@aamaadmiparty is the creation of media says Gautam Budh Nagar Press Club

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मीडिया की देन है आप पार्टी अगर मीडिया न इसे तबज्जो नही दी होती तो आज अरविन्द केजरीवाल कुछ भी नही होता ।
और जो आज बे सर बे पैर की आवाज हो रही है वह भी आप पार्टी को फायदा पहोचायेगी जरूर ।
क्यू की कांग्रेस की पैदा की हुयी है आप और अब तीसरी पार्टी न आ जाये इस लिए आप को जरुरत से ज्यादा मीडिया ने कवरेज किया ये कोई ।
इतेफाक नही हो सकता क्या भारत में और कोई पार्टी नही है ।
सिर्फ मनवादी सोच के करण इस तरह की सही और गलत खबरों को आगे पिछे कर रहे है ।
कोई नही चाहता की कभी इन के खिलाफ गलत खबर चले वाही खबर छपेगी और वही दिखेगी जो वो लोग चाहते है । क्यू की मीडिया है किसकी जानते है या मुझे सब की लिस्ट यहाँ पेस्ट करनी पड़ेगी ।
दिल्ली की उस वक्त जरुरत थी अरविन्द केजरीवाल आज फिर कांग्रेस को फिट करना है ।
तो आप को कैसे ख़त्म किया जाये ।
ये पिलान है बीजेपी और कांग्रेस ही भारत पर राज करना है । ये दोनों पार्टी एक ही सिक्के के दो पहलु है ।
और रही आप पार्टी की वह इन की पैदा की गयी पार्टी है इसे जब चाहे तब ख़त्म कर देंगे और जब चाहे ऐसी पार्टिया भारत में बी पैदा होती रही है और खत्म भी ।
मीडिया में जो जज्बाती है और जो मिसनरी है इनमे बहुत अंतर है ।
आप को किया गरीब व् असहाय लोगो की तक्लीफ़र नही नजर आती ।
भारत देश को तरक्की की तरफ ले जाना है तो हमे अपने जमीर को जगाना होगा ।
मुझे मालूम है मेरे इस लेख से बहुत लोग मुझ से नाराज होंगे और बहुत से मुझे न जाने कितनी गालिया देंगे ।
लेकिन कभी अपने जमीर में झाक कर जरूर देखिये आज किया हो रहा है क्यू देश और अपने प्रदेश में क्या हो रहा है अपने जिले में क्या हो रहा है अपने शहर में क्या हो रहा है ।
अपने ही शहर में एक गरीब असहाय लड़की की गैंग रेप कर उसे जिन्दा जला दिया जाता है । क्यू और किस लिए आज देश में शिक्षा की स्थिति क्या ही क्यू अपनी मेहनत की कमाई आप देश हित में नही लगा सकते ।
हां अपने परिवार व् अपने सुवर्थ के लिए जरूर लगा सकते है ।
ऐसा क्यू है और क्यू हम ऐसा सोचते है ।
क्यू की देश की राजनिति हमारे बारे में नही सोचती देश की सरकार हमारे बारे में नही सोचती । जब हमारी सरकार हमारे बारे में नही सोचती फिर क्यू हम देश हित में सोचे क्यू हम अपने जिले के बारे में सोचे क्यू हम अपने प्रदेश के बारे में सोचे क्यू हम अपने पडोसी के बारे में सोचे क्यू हम अपनेबन भाइयो के बारे में सोचे ।
हर जगह सुवार्थ की राजनीती हो रही है हर जगह मतलबी दुनिया हो चुकी है हर वक्त आदमी अपने बारे में सोच रहा है ।
आखिर कौन होगा जी अपने बारे में भूल कर इंसान

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