शांतिभूषण की हठधर्मिता से टूटा समझौता आतिशी ने जो कहा वो पूरी तरह सच

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आम आदमी पार्टी की पूर्व राष्ट्रिय प्रवक्ता आतिशी मार्लेना द्वारा श्री प्रशांत भूषण और श्री योगेन्द्र यादव को लिखे पत्र यह कहा गया है कि उनकी मांगों को स्वीकार करते हुए दोनों पक्षों में एक सहमती बन गयी थी परन्तु शांति भूषण जी के उसे न मानने के कारण वह सहमती टूट गयी. श्री प्रशांत भूषण जी द्वारा इस विषय में यह कहकर इसका खंडन किया गया है कि आतिशी इस मीटिंग में नहीं थी अतः उन्हें जानकारी नहीं है.

चूँकि मैं उस मीटिंग में स्वयं मौजूद था अतः मैं उस दिन की सम्पूर्ण सच्चाई रखना चाहता हूँ. सर्वप्रथम मैं स्पष्ट करना चाहता हूँ कि आतिशी की सभी बातों का मैं समर्थन करता हूँ और उस में कही गयी बातें पूरी तरह से सच हैं.

26 मार्च को शाम तक प्रशांतजी और योगेन्द्रजी की मांगों के सन्दर्भ में, संजय सिंह एवं अन्य नेताओं के साथ दोनों पक्षों के गंभीर प्रयासों के बाद, एक समझौते पर सहमती बन गयी थी. इस समझौते में राष्ट्रिय कार्यकारिणी में 6 नए लोगों को शामिल करना, प्रशांतजी और योगेन्द्रजी की द्वारा मांगे गए बदलावों पर कार्य करना और पिछले दिनों हुए वाद-विवाद के लिए देश से माफ़ी मांगना शामिल था. इस समझौते पर योगेंद्रजी और प्रशांतजी ने सहमति व्यक्त की थी.

परन्तु अचानक प्रशांतजी ने कहा कि अपनी सहमती की सुचना देने के पहले शांतिभूषणजी से बात करना जरुरी है यदि वह राजी नहीं होते हैं तो मैं भी राजी नहीं होऊंगा. शांतिभूषणजी ने किसी भी समझौते से साफ़ इंकार कर दिया और इस कारण प्रशांतजी ने समझौते से इंकार कर दिया. प्रशांतजी के इंकार करने के बाद योगेंद्रजी ने भी समझौते से इंकार कर दिया. इस प्रकार लगभग सभी मांगे मानने के बावजूद शांतिभूषणजी की हठधर्मिता के कारण यह समझौता टूट गया.

अतः यह कहना पुर्णतः गलत है कि अरविन्दजी और उनके साथियों के द्वारा प्रशांतजी और योगेन्द्रजी की मांगों पर कोई करवाई नहीं की गयी. वास्तविकता यह है कि सभी मांगों के मानने के बावजूद शांतिभूषणजी की हठधर्मिता के कारण प्रशांतजी और योगेन्द्रजी द्वारा यह समझौता तोडा गया.

 

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