‘Alag Alag Raahe’ Play organized in Mewar Group of institution organized in Vasundhara

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गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के आॅडिटोरियम में मंचित नाटक ’अलग-अलग राहें’ देखकर दर्शक सोचने को मजबूर हो गए। कलाकारों ने अपने अभिनय से दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं। कुल दो घंटे चले नाटक का निर्देशन प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना व रंगकर्मी अंजना राजन ने किया। साधना संस्कृति प्रतिष्ठान ने नाटक मंचन में प्रमुख भूमिका निभाई। सुप्रसिद्ध नाटककार दिवंगत ललित मोहन थपलियाल के लिखे इस नाटक को उन्हीं की याद में मंचित किया गया।
’अलग-अलग राहें’ नाटक एक स्वतंत्रता सेनानी-काॅलेज प्रोफेसर हरिप्रसाद के परिवार की कहानी है। नाटक में दिखाया गया कि ईमानदार आदमी इस देश में अपनी इज्जत और इंसानियत के साथ जी सकता है, यह सवाल बार-बार हरिप्रसाद के सामने चुनौती बनकर आता है। जब एक दिन बाजार में हरिप्रसाद के सामने एक भयंकर घटना घटती है, तब उनके अटल विश्वास और सिद्धांतों का कड़ा परीक्षण होता है। उनकी शांत, सिद्धांतवादी और छोटी-छोटी खुशियों से भरी हुई जिन्दगी हमेशा के लिए बदल जाती है। नाटक देखकर लगता है कि यह नाटक उस समय लिखा गया जब प्रसिद्ध नाटककार दिवंगत ललित मोहन थपलियाल आधुनिक हिन्दुस्तान में नीति-अनीति के प्रश्नों को लेकर चिन्तित थे। करीब 20 साल यूरोप में रहकर जब वह अपने स्वदेश लौटे तो देश में आए परिवर्तनों को देखकर वह विचलित हो उठे। नाटक में कुल 18 कलाकारों ने अपनी अभिनय क्षमता का परिचय दिया। प्रिंसिपल हरिप्रसाद की भूमिका में कलाकार दीपक सेठी, वसुंधरा बनीं अंजना राजन, सुशीला डोभाल, कमलेश बने प्रकाश रावत, पंकज तिवारी के अभिनय ने नाटक में जान फंूकने का काम किया। इसके अलावा वरुण गोयल, काजल तोमर, वरुणा गुप्ता, सोनम तोमर, नरेन्द्र कुमार, यशपाल तोमर, दिनकर जैन व श्याम राजन ने भी अपनी-अपनी भूमिका के साथ पूरा-पूरा न्याय किया। नाटक के दौरान अचिन निश्चल के गायन, सद्दाम अंसारी के तबला वादन ने माहौल में चार चांद लगा दिए। वेशभूषा एवं बैकस्टेज कोर्डिनेशन की कमान आभा टी. गांधी ने संभाली। अंत में मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डाॅ. अशोक कुमार गदिया ने सभी का आभार व्यक्त किया और नाटक मंचन को मेवाड़ में सांस्कृतिक-सामाजिक परम्परा के निर्वाह में एक मील का पत्थर बताया। इस मौके पर इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डाॅ. अलका अग्रवाल, विधि विभाग के महानिदेशक भारत भूषण समेत मेवाड़ का समस्त स्टाफ और वसुंधरा व आसपास के लोग भी मौजूद थे।

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