हेल्थ इंश्योरेंस “आरोग्य संजीवनी” सभी के लिए क्यों है जरूरी? प्रोफेसर मनोज पांडे ने बताई बड़ी वजह

Abhishek Sharma

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Greater Noida (04/04/2020) : जहां आज के समय में पूरा विश्व कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है, वही ऐसे में इस से लड़ना लोगों के लिए बेहद मुश्किल साबित हो रहा है। आम लोग खर्चे के डर से अपना टेस्ट भी नहीं करा रहे हैं। ऐसी स्थिति में हेल्थ इंश्योरेंस होना 1 प्लस प्वाइंट साबित होता है। हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए टेन न्यूज़ ने प्रो. मनोज पांडे से खास बातचीत की। बता दें कि प्रोफेसर मनोज पांडे पिछले 8 सालों से ग्रेटर नोएडा के बिरला इंस्टिट्यूट में इंश्योरेंस के प्राध्यापक के तौर पर कार्यरत हैं, इन्होंने अपना करियर एलआईसी कंपनी में डायरेक्ट रिक्रूट ऑफिसर के तौर पर 1992 में शुरू किया था।

हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़ी जानकारियां देते हुए उन्होंने बताया कि आज के समय में अस्पतालों के खर्चे दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। जहां आजकल बीमारियां अधिक फैल रही हैं, वहीं ऐसे में इलाज करवाना और भी महंगा हो गया है। मलेरिया, टाइफाइड जैसी साधारण बीमारी के लिए अगर कोई इंसान अस्पताल में भर्ती हो जाए तो कम से कम 40 से 50 का खर्चा आ ही जाता है। दुर्भाग्य से किसी को कोई छोटी सी इंजरी भी हो जाए , जैसे अपेंडिक्स निकलवाने का ऑपरेशन कराए तो उसमें 80,000 का खर्चा आ जाता है, वही हर्निया हाइड्रोसील के ऑपरेशन का खर्चा एक लाख पड़ जाता है।

एक मध्यम परिवार के व्यक्ति के लिए बीमार पड़ना मानो जैसे अभिशाप सा बनता जा रहा है। सरकारी तंत्र में हॉस्पिटल कोलएप्स कर चुके हैं। ऐसे में लोगों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है। जहां इलाज का खर्चा झेल पाना हर किसी के बस की बात नहीं हैं। ऐसी स्थिति में हेल्थ इंश्योरेंस लेना सभी लोगों की जरूरत बन गया है।

हम जब फाइनेंसियल प्लानिंग की बात करते हैं तो लाइफ इंश्योरेंस के बाद हेल्थ इंश्योरेंस दूसरी सबसे जरूरी चीज है। आप गाड़ी, फ्लैट, बंगला खरीदें न खरीदें लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस लेना बेहद जरूरी हो गया है। हालांकि हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय भी मार्केट में सबसे बड़ी समस्या यह है कि हेल्थ इंश्योरेंस की करीब 30 कंपनियां हैं और सब के पास 5 से अधिक प्लान हैं। मार्केट में हेल्थ इंश्योरेंस के लगभग डेढ़ सौ प्लान हैं। एक साधारण व्यक्ति के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान चुनना बड़ा ही मुश्किल फैसला होता है, क्योंकि मार्केट में जो हेल्थ इंश्योरेंस के एजेंट रहते हैं वे ग्राहकों को अपनी सुविधा अनुसार ही प्लान समझाते हैं।

इस बात का एहसास हमारे देश की इंश्योरेंस रेगुलेटरी अथॉरिटी को हुआ। जिसके लिए पिछले वर्ष 2019 में इंश्योरेंस रेगुलेटरी अथॉरिटी ने एक कदम बढ़ाया और खुद एक हेल्थ इंश्योरेंस डिजाइन किया। जिसमें वह सारी चीजें सम्मिलित हैं जो एक अच्छे हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में होनी चाहिए। फिर इस प्लान की कीमत कंपनियों को उनकी सुविधा के अनुसार तय करने की अनुमति दी। इस प्लान का नाम “आरोग्य संजीवनी” दिया गया। 1 अप्रैल को सारी कंपनियों ने इसको अपनी सुविधा के अनुसार अलग-अलग मूल्यों पर जारी कर दिया।

प्रोफेसर मनोज पांडे का कहना है कि मेरी आमजन से अपील है, जिन लोगों ने अभी तक हेल्थ इंश्योरेंस नहीं लिया वे इस प्लान को जाने और अपना एवम परिवार का हेल्थ इंश्योरेंस जरूर कराएं। उन्होंने कहा कि मेरा सभी लोगों से सुझाव है कि अगर कि ऐसा प्लान लें कि अगर कोई मेजर इंजरी निकलती है तो कम से कम आप के हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में उसका खर्चा निकल जाए।

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