15 अक्टूबर से नोएडा में डीजल जनरेटर के संचालन पर रोक, उद्यमियों की चिंता बढी
ABHISHEK SHARMA
पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण प्राधिकरण ने 15 अक्टूबर से नोएडा समेत दिल्ली एनसीआर में डीजल जनरेटर के संचालन को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने जा रहा है़। ईपीसीए के इस आदेश के बाद से उद्यमियों की चिंता बढ़ गई है।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा में हजारों कंपनियां है। उद्यमियों का कहना है कि इस समय उद्योग पहले से ही कोरोना के चलते मंदी की मार झेल रहे हैं। ऐसे में जनरेटर को बंद किया जाना उद्योगों के हित में नहीं है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि उद्योगों को 24 घंटे बिजली नहीं मिल रही है और जनरेटर के लिए सीएनजी और पीएनजी की उपलब्धता भी काफी कम है।
इस कारण उद्योगों में उत्पादन प्रभावित होना तय माना जा रहा है। जिससे उद्यमियों के माथे पर चिंता की लकीरें उभरने लगी हैं। उद्यमी ईपीसीए की मंशा को गलत नहीं मान रहे हैं लेकिन किसी भी व्यवस्था को लागू किए जाने से उसके समानांतर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की मांग कर रहे हैं।
उद्यमियों को जनरेटर डीजल के बजाय सीएनजी व पीएनजी से संचालित करने के लिए गैस की उपलब्धता नहीं है। उद्यमियों को सीएनजी और पीएनजी के कनेक्शन नहीं दिए जा रहे हैं।
उद्यमियों का कहना है कि डीजल जनरेटर चलाने में उन्हें भी नुकसान होता है लेकिन बिजली की उपलब्धता न होने और सीएनजी व पीएनजी का कनेक्शन न होने के कारण मजबूरी में उन्हें डीजल और जनरेटर का सहारा लेना पड़ता है।