उत्तर प्रदेश में कोरोना संकट के बीच ब्लैक फंगस बीमारी ने दी दस्तक, मुख्यमंत्री योगी ने खुद लिया संज्ञान
Ten News Network
उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी से लोग पहले से ही जूझ रहे हैं अब इसके बीच ब्लैक फंगस नामक बीमारी ने उत्तर प्रदेश में अपनी दस्तक दे दी है। जिसके चलते योगी सरकार अलर्ट मोड़ पर आ गई है। मेरठ और लखनऊ में इसके मरीज मिले हैं। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को संज्ञान में लिया है।
सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य और प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा व राज्य स्तर पर गठित स्वास्थ्य विशेषज्ञों की समिति इस संबंध में रणनीति बनाएं। इसमें बचाव, सावधानियां, लाइन ऑफ ट्रीटमेंट आदि के बारे में सीएम कार्यालय को विस्तृत रिपोर्ट दी जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने टीम-9 की बैठक में कहा कि कोविड नियंत्रण के लिए राज्य सरकार द्वारा अपनायी गई रणनीति के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। प्रदेश में इस वैश्विक महामारी का संक्रमण लगातार कम हो रहा है। एक्टिव केसेज की संख्या में निरन्तर कमी आ रही है।
आपको बता दें, 30 अप्रैल, 2021 को प्रदेश में 3 लाख से अधिक कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामले थे। 11 दिन में संक्रमण के एक्टिव मामलों में 1 लाख 04 हजार से अधिक की कमी आयी है। पिछले 24 घण्टों में संक्रमण के 18,125 नए मामलों की पुष्टि हुई है, जबकि विगत 24 अप्रैल को कोरोना के 38,000 से अधिक नये मामले आये थे। इस प्रकार प्रतिदिन मिलने वाले नए मामलों की संख्या में लगभग 20,000 की कमी आयी है।
सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि प्रदेश में कोरोना के बचाव एवं उपचार की व्यवस्था को निरन्तर सुदृढ़ और प्रभावी बनाए रखें। टेस्टिंग की कार्यवाही को तेजी से बढ़ाया जाए। प्रतिदिन कोरोना के 3 लाख से 3.25 लाख टेस्ट किये जाएं। इनमें से आरटीपीसीआर विधि से 1.5 लाख टेस्ट तथा 1.5 लाख से 1.75 लाख टेस्ट रैपिड एण्टीजन माध्यम से किये जाएं. शेष टेस्ट ट्रूनैट विधि से किये जाए।आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट यथाशीघ्र उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान देते हुए रिपोर्ट 24 घण्टे में उपलब्ध कराने पर फोकस किया जाए। टेस्टिंग लैब की क्षमता के अनुसार ही सैम्पल उपलब्ध कराया जाए।
मुख्यमंत्री कहा कि गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा संचालित विशेष जांच अभियान को और प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने निगरानी समितियों और आरआरटी के मध्य बेहतर तालमेल पर बल देते हुए कहा कि निगरानी समितियों द्वारा चिन्हित किये गये लक्षणयुक्त अथवा संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध लोगों के एण्टीजन टेस्ट आरआरटी द्वारा तत्काल रूप से किये जाएं।
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