फोर्टिस अस्पताल में कैंसर से पीड़ित 65 वर्षीय महिला की कीमोथेरेपी के जरिए बचाई जान

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Noida : नोएडा के सेक्टर 62 स्थित फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टरों ने प्राइमरी पेरिटोनियल कार्सिनोमा से पीड़ित वर्षीय महिला की जान बचाने के लिए हाल में सफलतापूर्वक हाइपरथर्मिक इंट्रापेरिटोनियल कीमोथेरेपी ( एचआईपीई ) प्रक्रिया की है। नोएडा में इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल का यह पहला मामला है।

इस टीम का नेतृत्व फोर्टिस अस्पताल के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. जलज बख्शी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के सीनियर कंसा डॉ. कबीर रहमानी और मेडिकल ऑन्कोलॉजी के कंसल्टेंट मुदासिर अहमद कर रहे थे।

एचआईपीईसी थेरेपी की सफलता को लेकर डॉ. जलज बख्शी ने कहा कि इसके ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल में सर्ज कीमोथेरेपी का संयोजन होता है। बाहर से दिख रही पूरी पेरिटोनियल बीमारी को गहन साइटोरिडक्टिव सर्जरी के निकाला जाता है। इसके बाद उदर के अंगों को बेहद उच्च तापमान ( 41 डिग्री सेल्सियस ) के कीमोथेरेपी सॉल्य धोया जाता है जिसे मशीन सर्कुलेशन के जरिए बरकरार रखा जाता है।

उच्च तापमान से कीमोथेरेपी एजेंट्स को जगह में 2 मिलीमीटर गहराई तक जाने में मदद मिलती है। जिन बीमारियों का इलाज एचआईपीईसी के जरिए हो सकता है उनमें स्यूडोमिक्ज़ोमा पेरिटोनेई , प्राइमरी पेरिटोनियल कार्सिनोमा , पेरिटोनियल मेसोथेलिओमा , ओवेरियन कैंसर विद पेरिटोनियल मेटास्टेसेस आया या बचा हुआ ) , कोलोरेक्टल , गैस्ट्रिक व एंडोमीट्रियल कैंसरों के उन मामलों में भी प्रभावी होता।

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