नई दिल्ली/छत्तीसगढ़, 21 दिसंबर, 2021: छत्तीसगढ़ सरकार ने 12 दिसंबर को एक बड़ा कदम उठाते हुए, अपने तरह के पहले ग्रीन काउंसिल का गठन किया है। इसका लक्ष्य राज्य के अंदर आर्थिक अवसरों का निर्माण करते हुए कार्बन फुटप्रिंट को कम करना है। पूरे देशभर में विकास का समाधान प्रदान करने के लिये सरकार के साथ काम करने वाले एक गैर-पक्षपातपूर्ण सामाजिक उद्यम, स्वनीति पहल के सहयोग से, छत्तीसगढ़ सरकार ने माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में पर्यावरण सुरक्षा की दोहरी निचली पंक्ति और आर्थिक विकास की समस्या को सुलझाने का लक्ष्य तय किया है। इस काउंसिल में क्षेत्र के नेता, अकादमिक विशेषज्ञ और बहुपक्षीय फाउंडेशन होंगे, जो राज्य सरकार को जलवायु परिवर्तन और सस्टेनेबिलिटी के मुद्दों पर तकनीकी परामर्श देंगे।
हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण और ग्रीन काउंसिल के माध्यम से आबादी के कमजोर वर्गों की रक्षा करने के राज्य सरकार के दृढ़ संकल्प से पेरिस समझौते के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) प्राप्त होगा। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार और स्वनीति पहल के बीच साझेदारी सीओपी26 के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिये हरित अर्थव्यवस्थाओं को विकसित करने के लिये अनुसंधान, विकास और निवेश का उपयोग करेगी क्योंकि दुनिया जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव से जूझ रही है।
जुलाई 2021 में अटलांटिक काउंसिल के साथ बातचीत के दौरान सीएम बघेल की ग्रीन इकोनॉमी की सोच को सामने लाया गया था, जब उन्होंने रिजनरेटिव खेती और तेंदू पत्तों की खरीद पर अपना ध्यान केंद्रित करने सहित राज्य सरकार द्वारा की गई कई हरित पहल का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का मकसद आदिवासी और महिलाओं सहित सबसे कमजोर लोगों के उत्थान का समर्थन करना है। उनके अनुसार, सस्टेनेबिलिटी मूवमेंट आगे का रास्ता है। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ के लिये अपने विचार के बारे में स्वनीति पहल की सीईओ ऋत्विका भट्टाचार्य ने कहा, “जलवायु और स्थिरता की बढ़ती चुनौतियों का हल निकालने के लिये छत्तीसगढ़ ने वास्तव में पूरे देश के लोगों के संसाधनों और सोच की शक्ति को एक साथ लाने में एक प्रगतिशील कदम उठाया है। जलवायु से जुड़ी परेशानियों का हल निकालने में राज्य महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।”
ग्रीन काउंसिल इस आधार पर बना है कि एकीकृत, समावेशी और सतत औद्योगीकरण प्रयासों के माध्यम से एक आत्मनिर्भर और निरंतर प्रगतिशील अर्थव्यवस्था बनाने में राज्य सरकारों की सक्रिय भूमिका है। सार्वजनिक-निजी भागीदारी और काउंसिल में विशेषज्ञों की उपस्थिति, उद्देश्य को प्राप्त करने के लिये एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगी। राज्य के माननीय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय निजी कंपनियों और क्षेत्र के विशेषज्ञों से बनी ग्रीन काउंसिल, आर्थिक विकास की दोहरी निचली रेखा को प्राप्त करने के लिये विशेषज्ञ अंतर्दृष्टि और अनुशंसाएं प्रदान करने के लिये जिम्मेदार होगी। काउंसिल राज्य सरकार की पहल के लिये अनुदान जुटाने के लिये कदम उठाने के अलावा, कम आय वाली आबादी के बीच आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिये उद्योग संपर्क स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
सुश्री भट्टाचार्य कहती हैं, “छत्तीसगढ़ की सफलता ने बाकी राज्यों को भी राह दिखाई है। हममें से जो भी लोग जलवायु और स्थिरता के लिये काम कर रहे हैं उनके लिये जरूरी है कि वे एक मॉडल तैयार करें, कैसे राज्य सरकारें रोजगार के अवसर पैदा करते हुए पर्यावरण के अनुकूल अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण करती है।“