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नई दिल्ली :– संसद के मॉनसून सत्र में विपक्ष के निशाने पर केंद्र सरकार है। आपको बता दें कि फोन टैपिंग मामले के खुलासे को लेकर विपक्ष एकजुट है और सरकार से जवाब मांग रहा है।
कांग्रेस, लेफ्ट समेत अन्य पार्टियों द्वारा अब इस मसले पर ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी जांच कराने की मांग की गई है। खासबात यह है कि संसद के दोनों सदनों में भी विपक्ष की ओर से इस मसले को उठाया जा रहा है।
आज कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने इस मामले को लेकर कहां कि कांग्रेस इस पूरे मसले पर जेपीसी जांच की मांग करती है। सरकार ने जो जवाब दिया है, वह निराशाजनक है, मोदी सरकार सिर्फ एनएसओ ग्रुप को बचा रही है, बल्कि उसे जांच बैठानी चाहिए।
साथ ही उन्होंने कहा कि राज्यसभा में इस मुद्दे पर विपक्ष पार्टियों ने चर्चा करनी चाहिए , लेकिन हमारी माँग को सुना नही गया , जिसके चलते विपक्षियों ने अपनी आवाज बुलंद की , जिसको देखते हुए राज्यसभा को कई बार स्थगित कर दिया गया।
फ़ोन टैपिंग विवाद में जो तथ्य सामने आए हैं, उनसे बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं, क्या सरकार ने इजरायल से स्पाईवेयर खरीदा था, अगर नहीं तो गलत तरीके से भारतीय नागरिकों के फोन को हैक किया गया ? सरकार इस मामले में कटघरे में है।
बीजेपी लोकतंत्र के बजाय जासूसी तंत्र चला रही है, हमारे नेता राहुल गांधी की भी जासूसी की गई है, गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए , जो भी सरकार के खिलाफ है, उसकी जासूसी हो रही है, सरकार चर्चा से भाग नहीं सकती है।