नई दिल्ली :– देश मे बेरोजगारी का मुद्दा बढ़ता ही जा रहा है , खासबात यह है कि अब अध्यापक भी बेरोजगार होते जा रहे है । अब इस कड़ी में 1500 से ज्यादा टीईक्यूआईपी फैकल्टी 31 मार्च के बाद बेरोजगार हो जाएंगे। जिसको लेकर आज 12 राज्यों के इंजीनियरिंग कॉलेज के सहायक प्रोफेसरों (टीईक्यूआईपी फैकल्टी) ने दिल्ली में जोरदार प्रदर्शन किया।
उनका कहना है कि एचआरडी मंत्री ने हमें 3 वर्षो के लिए बच्चों को पढ़ाने के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज में भेजा था , जो 31 मार्च तक समय पूरा हो रहा है। जिसके बाद हम बेरोजगार हो जाएंगे , साथ ही हमारा भविष्य के साथ साथ छात्रों का भविष्य भी अंधेरे में चला जायेगा।
हमारी माँग है कि एमओयू के तहत किए गए वादों को पूरा किया जाए एवं वेल परफार्मिंग फैकल्टी को रिटेन किया जाए , जोकि एमओयू एवं पीआईपी का एक महत्व बिंदु है, क्योंकि बिना teqip फैकल्टी के teqip प्रोजेक्ट सफलता की परिकल्पना व्यर्थ है।
प्रदर्शन कर रहे प्रोफेसरों ने कहा कि हमे भारत सरकार के एचआरडी मंत्री ने उन राज्यों में भेजा था , जहाँ इंजीनियरिंग कॉलेज की हालत खराब थी , बच्चों को उच्च शिक्षा नही मिल रही थी , कॉलेजों की लैब पर धूल चढ़ी हुई थी , हमने वहाँ जाकर मेहनत करके शिक्षा को दुरस्त किया , छात्रों को उच्च शिक्षा दी , अब 31 मार्च के बाद हम बेरोजगार हो जाएंगे , क्योंकि हमारी सेवा 31 मार्च को खत्म हो रही है। हमारी माँग है कि हमें बेरोजगार न होने दिया जाए।
आपको बता दें कि 2017 में भारत सरकार ने कम आय और विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए एक विशेष विचार के साथ मौजूदा संस्थानों में इंजीनियरिंग शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एक डिज़ाइन की गई। परियोजना का समर्थन करने के लिए विश्व बैंक के साथ एक वित्तपोषण समझौते पर हस्ताक्षर किए।
आईआईटी, एनआईटी और अन्य केंद्रीय वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों के विद्वान और स्नातक, केंद्रित राज्यों में स्थित, ग्रामीण भारत में इंजीनियरिंग शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से सभी प्रोफेसरों को लगाया गया था। अब तीन साल बाद हम अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि 31 मार्च, 2021 तक सेवाएं समाप्त हो जाएंगी।