DCM Manish Sisodia Adressed the Session on Value and Ethics in Education organised by Indian Education Network
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा, ‘मानव संसाधन मंत्रालय का हिस्सा होने के बजाय शिक्षा का एक अलग मंत्रालय होना चाहिए जिससे कि नियम कायदों पर जोर दिया जा सके। बिना एक खास मंत्रालय के शिक्षा का कोई मोल नहीं रह जाता है। आजकल क्लासरूम वॉर रूम ज्यादा बन गए हैं जहां छात्रों का ध्यान सिर्फ आपसी प्रतिस्पर्धा पर रहता है। ऐसे में शिक्षा का मूल उद्देश्य नष्ट हो जाता है। इलस्ट्रेशन के माध्यम से विद्यार्थी किसी भी कॉन्सेप्ट को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं। लोगों का फोकस छात्रों का जीवन सफल बनाने की ओर ज्यादा रहता है बजाय उन्हें एक अच्छा इंसान बनाने के। सिलेबस तो पहले से तैयार कर लिया जाता है, छात्र अगर उसे न भी समझ पाएं तो कोई परेशानी की बात नहीं है पर उन्हें इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि वे नोटबुक में क्या लिख रहे हैं। इसके लिए ज़रुरत है शिक्षकों को ट्रेन करने की जिससे कि शिक्षण पद्धति में बदलाव लाया जा सके। इसके लिए दिल्ली में जल्द ही शिक्षकों व छात्रों को ट्रेन करने के लिए एक ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट खोला जाएगा। चुनाव लड़ने का एक पैमाना शिक्षा को भी रखना चाहिए ताकि देश को क्वालिटी के नेता मिल सकें।’
एनएलपी कोच और मोटिवेटर एस.ए.आनंद, जी.डी.गोयनका की फैकल्टी सुधा भाटिया, एस ई ए एस के संस्थापक और मोटिवेशनल स्पीकर शुभांकर धर चौधरी, कैम्ब्रिज की फैकल्टी पारुल दत्ता और जे आई एम एस की फैकल्टी शिखा कुकरेजा ने भी शिक्षण व्यवस्था और उसके मूल सिद्धांतों पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने विस्तार से बताया कि किस तरह से स्कूली शिक्षा के प्रभाव से ही बच्चों में करियर की नींव पड़ने लगती है।
इंडियन एजुकेशन नेटवर्क के संस्थापक मनीष छाबड़ा ने बताया, ‘हमने इस कार्यक्रम का आयोजन शिक्षा मंत्रालय का ध्यान शिक्षण प्रणाली की ओर खींचने और अध्यापकों को सम्मानित करने के लिए किया था। ‘
ऐसा देखा जा रहा है कि समय के साथ शिक्षा के स्तर में कई तरह के बदलाव आते जा रहे हैं। शिक्षित होने पर जोर देने के बजाय लोग अपराधों की तरफ झुक रहे हैं। हाल में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, चोरी व लूटपाट जैसी घटनाओं कप अक्सर कम उम्र के नौजवान ही अंजाम दे रहे हैं।
शिक्षा का स्तर सुधारने के मकसद से इंडियन एजुकेशन नेटवर्क ने स्कूल एवं कॉलेज के डीन और प्रोफेसरों के साथ एक इंटरएक्टिव सेशन का आयोजन किया था जिसमें उन्हें भी अपने विचार प्रस्तुत करने का मौका दिया गया था। सबकी सक्रिय भागीदारी से कार्यक्रम को सफल बनाया जा सका। विभिन्न स्कूल व कॉलेज के प्रोफेसरों को शिक्षा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए टीचर्स एक्सीलेंस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
इंडियन एजुकेशन नेटवर्क
आई ई एन का मकसद शिक्षा के स्तर को सुधारना है, इसके साथ ही वह नेताओं और नीतियां बनाने वालों को हर समस्या का उचित समाधान देने का है। यह ऑर्गेनाइज़ेशन शिक्षा के क्षेत्र में होने वाली हर समस्या और मुद्दे पर अपने सुझाव देती है। यह राज्य के साथ ही राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर भी अपना ध्यान रखती है। बच्चों की प्रतिभा निखारने के लिए यह शिक्षण संस्थानों की मदद करती है जिससे कि वे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकें।