15 दिसम्बर से डीडीए शुरू करेगा अनधिकृत कॉलोनियों की रजिस्ट्री प्रक्रिया
ROHIT SHARMA / LOKESH GOSWAMI
अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितिकरण का रास्ता साफ होने के साथ ही डीडीए ने चुनावी अधिसूचना जारी होने से पहले ही लोगों को मकानों का मालिकाना हक और रजिस्ट्री देने की तैयारी भी तेज कर दी है।
डीडीए ने दो सौ कॉलोनियों की सीमाएं सेटेलाइट के जरिए तय करते हुए कॉलोनियों की आरडब्ल्यूए व इससे जुड़े लोगों से दिसम्बर के दूसरे सप्ताह तक सुझाव देने को कहा है। रजिस्ट्री की प्रक्रिया को 15 दिसम्बर से ही आरंभ करने की योजना है। डीडीए का दावा है कि फिलहाल 625 से कॉलोनियों की सेटेलाइट सीमाएं तय कर ली गई हैं।
सभी 1731 कॉलोनियों का सीमांकन 31 दिसम्बर तक पूरा कर लिया जाएगा। दरअसल यदि सब तय समय पर हुआ तो आगामी विधानसभा चुनाव फरवरी में प्रस्तावित माने जा रहे हैं।
ऐसे में चुनावी अधिसूचना जारी होने के बाद नियमितिकरण में कहीं कोई दिक्कत या कानूनी बाधा न उत्पन्न हो, इसी बात को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय आवास एवं शहरी मामला मंत्रालय ने भी डीडीए को कॉलोनियों के नियमितिकरण के कार्य को युद्धस्तर पर करने को कहा है।
मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी 4 दिन पहले इस सिलसिले में वेबसाइट लांच की थी। साथ ही स्पष्ट रूप से कहा था कि सोलह दिसंबर से रजिस्ट्री प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी।
डीडीए के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार फिलहाल 30 नवंबर तक दूसरी वेबसाइट को भी लांच करने की योजना है। दोनों वेबसाइट काम को सरल बनाने के लिए अलग-अलग मोड पर काम करेगी।
अधिकारी के अनुसार चुनावी अधिसूचना में यह योजना नहीं फंसे इसी वजह से सभी काम को निर्धारित समय में पूरा किया जा रहा है। एक बार योजना पर अमल आरंभ होने के बाद वह चुनावी समयसीमा के फेर से बाहर हो जाएगी। बताया जाता है कि शुरुआत में सौ कॉलोनियों की रजिस्ट्री होगी। जिसे चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाएगा।
- वेबसाइट का बीटा वर्जन 30 नवम्बर से शुरू होगा, ताकि किसी भी तरह की तकनीकी समस्या को समय रहते दूर कर सकें
- लोगों को दस्तावेज अपलोड करने व आवेदन में सहायता के लिए 25 हेल्पडेस्क व प्रोसेसिंग सेंटर भी
- एक वेबसाइट पर सैटेलाइट सीमांकन अपलोड किए जाएंगे
- दूसरी वेबसाइट पर आवेदक अपने आवेदन के संबंध में जरूरी दस्तावेजों को अपलोड कर रजिस्ट्री की प्रक्रिया में जुड़ेंगे
- डीडीए से कंवींस डीड मिलेगी, जिसके बाद हो जाएगी रजिस्ट्री
वही दूसरी तरफ नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा है कि 5 साल बीतने के बावजूद आज तक अनधिकृत कॉलोनियों में पानी की लाइनें और सीवर तक नहीं डाले गए हैं | केंद्र सरकार के प्रयासों से अब सारे काम किए जा रहे हैं। अखिर मुख्यमंत्री कॉलोनियों के लोगों को मालिकाना हक दिलाने का दावा किस आधार पर कर रहे हैं? ऐसा कहकर वह लोगों को केवल गुमराह कर रहे हैं। केजरीवाल के उस बयान की ङ्क्षनदा की है जिसमें उन्होंने अनधिकृत कॉलोनियों के प्रति भाजपा के लंबे संघर्ष को प्यार की संज्ञा देते हुए इसे चुनावी स्टंट बताया। सच्चाई यह है कि केजरीवाल को दुख इस बात का है कि जो काम उनकी सरकार 5 साल में नहीं किया, वह भाजपा ने अपने वायदे के अनुसार 100 दिन में कैसे पूरा कर लिया।