मोहल्ला क्लीनिक द्वारा दी गयी गलत दवाई से 3 मौतों के बाद कांग्रेस ने केजरीवाल के दावों की उड़ाई धज्जियां, उठायी ऑडिट की मांग

Ten News Network

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New Delhi (20/12/2021): दिल्ली कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने मौहल्ला क्लीनिकों में गलत दवाई देने के कारण हुई 3 बच्चों की मौत के चलते मांग उठायी कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल माफी मांगे और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री तुरंत इस्तीफा दें।

यह भी मांग की कि मृतक बच्चों के परिवार वालों को एक करोड़ का मुआवजा तथा भर्ती बिमार बच्चों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दे। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि उन्होंने दिल्ली कांग्रेस की ओर से उपराज्यपाल महोदय को इस संबध में उच्च अधिकारी द्वारा जांच कराने कि मांग की। उन्होंने कहा, मौहल्ला क्लीनिकों में कैसे घटिया दवाई दी जा रही है, इसका आडिट हो, अयोग्य डाक्टर, मेडिकल स्टाफ नियुक्ति की जांच हो। यह भी जांच हो कि दिल्ली के अस्पतालों में गलत दवा देने के कारण कितने बच्चे भर्ती है और कितनों की जान गई है ताकि तथ्य सामने आ सकें।

अनिल कुमार ने कहा कि देश सहित विश्वभर में मौहल्ला क्लीनिकों का आडम्बर करने वाले अरविन्द केजरीवाल जहां पंजाब में 16000 मौहल्ला क्लीनिक खोलने का वादा कर रहे है वहीं पिछले 7 वर्षों के शासन में केजरीवाल की दिल्ली सरकार ने सिर्फ 505 बदहाल मौहल्ला क्लीनिक खोले है जिनमें अत्यधिक क्लीनिक असामाजिक तत्वों, जुआरियों व जानवरों का अड्डा बने है। जबकि 2013 में केजरीवाल ने 1000 क्लीनिक खोलने का वादा किया था।

उन्होंने कहा कि 7 वर्षों में सिर्फ 505 मौहल्ला क्लीनिक इसलिए ही खुल पाऐं क्योंकि आम आदमी पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को आर्थिक फायदा पहुचाने के लिए गिनी चुनी जगहां का किराया देकर मौहल्ला क्लीनिक खोल रहे है, जिसमें भ्रष्टाचार पूरी तरह व्याप्त है।

अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था की दुहाई देने वाले मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ओमिक्रोण के मद्देनजर दिल्ली के 37 अस्पतालों में लगभग 500 डाक्टरों, 1200 नर्सों और 850 पेरोमेडिकल स्टॉफ के खाली पदों और डिस्पेंसरियों सहित सभी स्वास्थ्य सेवाओं के 43 प्रतिशत पद खाली पद को तुरंत क्यों नही भरने के लिए प्राथमिकता दिखा रहे है।

स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के अभाव में कोविड की दूसरी लहर में दिल्ली की चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली का परिणाम की जनता ने भुगता था और दवाईयों, बेडों, आईसीयू बेडों और ऑक्सीजन की कमी के कारण हजारों लोगों की मौत हो गई थी जिसमें डाक्टरों सहित स्वास्थ्य अधिकारी भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान मौहल्ला क्लीनिकों का कोई योगदान नही रहा, क्योंकि यहां उपयुक्त सुविधाओं का अभाव है।

अनिल कुमार ने कहा कि मौहल्ला क्लीनिकों की बदहाली को दिल्ली सरकार भी जानती है। यही कारण रहा कि वहां पर अभी तक आरटी-पीसीआर टेस्ट और वैक्सीनेशन सेंटर नही खोले गए। उन्होंने कहा कि 30 रुपये प्रति मरीज डाक्टर और 10 रुपये प्रति मरीज असिसटेंट को दिए जाने वाले मौहल्ला क्लीनिक का स्वास्थ्य पैमाना कौन नही लगा सकता जिसमें मरीज को देखने के लिए एक मिनट तक समय नही दिया जाता।

उन्होंने कहा कि मौहल्ला क्लीनिकों केवल 4-6 घंटे ही खुलते है और इनमें 200 से अधिक टेस्ट होने का झूठा दावा करने वाले केजरीवाल बताऐं कि किस मौहल्ला क्लीनिक में यह टेस्ट होते है। उन्होंने कहा जांच के दौरान पाया गया कि अत्यधिक मौहल्ला क्लीनिक बंद रहते है और यहां कोई स्वास्थ्य सुविधा नही है। उन्होंने कहा कि हर संकट के समय केजरीवाल दिल्लीवालों को छोड़ अपने चुनावी पर्यटन पर होते है, उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझते हुए दिल्लीवालों के लिए भी अपने कर्तव्यों का वहन करना चाहिए।

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