Delhi women meet CM’s wife; pray for ‘sadbuddhi’ for him

Galgotias Ad
Delhi women meet CM's wife
Delhi women meet CM’s wife; pray for ‘sadbuddhi’ for him
 
 
A delegation of women from all over Delhi went to the CM’s wife, Sunita Kejriwal today morning.
The matter relates to issuing of 399 new liquor licenses by Delhi Gov in 18 months of their term. Many of these are in residential areas and were allowed despite protest from local residents, something that goes against AAP’s most cherished values and important promises.
The delegation said they confided in Sunita Kejriwal as an elder sister and shared their fears and troubles with her.
The women said they sought this meeting when instead of offering a solution, Delhi Govt refused to even hear their pleas. They hoped being a woman, Sunita would empathize and convince Arvind to not promote the liquor trade. The delegation of women requested her to talk to the CM and give him some “Sadbuddhi.”
We voted for Swaraj, not to be immersed in Sharaab, they told Mrs. Kejriwal.
______________________________________________________________________________________________________________________________________
Content of the Letter to Sunita Kejriwal 
नमस्ते बहनजी,
हम दिल्ली के अलग अलग हिस्सों से आयीं आम औरतें हैं। बहुत परेशानी में हैं। डरे, सहमे और घबराये हुए हैं। डर हमें अपनी सम्मान और सुरक्षा के लिए है। घबराहट अपने बच्चों के भविष्य के लिए है। और सहमे हुए इसलिए हैं कि हमारा जीना दूभर हो गया है। हम लोग अपने इलाकों में खुले शराब के ठेकों से त्रस्त हैं। स्थानीय लोगों के विरोध के बाद भी दिल्ली सरकार ने हमारे इलाके में शराब का ठेका खोल दिया है। जिसके कारण छीनाझपटी, छेड़खानी, अश्लील हरकतों से लेकर मारपीट तक की घटनाएं आम बात हो गयी हैं।
बच्चे को स्कूल छोड़ने के लिए अलग रास्ता लेना पड़ता है। शाम होते ही गली से गुजरना नामुमकिन हो गया है। कुछ इलाकों में तो दारू बीयर की बोतलें घरों के पास फेंकी मिलती है। हममें से कई बहनों के पति रोज़ रात को नशे में घर लौटते हैं, मारपीट गाली गलौज करते हैं। बता नहीं सकते किस किस तरह की समस्यायों का सामना हमें करना पड़ रहा है।
अपनी परेशानी को लेकर हमने सभी दरवाज़े खटखटा लिए। विधायक, अधिकारी से लेकर बड़े नेता मंत्रियों तक सबके आगे गुहार लगाई। लेकिन हमारी शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं मिली, समस्याओं का कोई समाधान नहीं मिला।
आपसे मिलने का कारण ये है कि आपमें हमें एक उम्मीद दिखी। आप भी हमारी तरह एक सरल महिला हैं, गृहणी हैं। आपका भी एक परिवार है, बच्चे हैं। आप शायद हम महिलाओं का दर्द समझ पाएंगी।
हमारा बस एक निवेदन है आपसे। यदि संभव हो तो अरविन्द जी से हमारी पैरवी कर दें। शायद वो हमारी परेशानी नहीं समझ पा रहे, वरना डेढ़ साल में ही दिल्ली में 399 नए शराब के लाइसेंस नहीं बाँटते। शायद वो समझ नहीं पा रहे कि शराब के नशे को धंधा बनाकर पैसे कमाना कोई अच्छी बात नहीं। आप बात करेंगी तो वो ज़रूर समझेंगे।
हमने तो अरविन्द जी की बातों पर भरोसा करके ही उन्हें वोट दिया था। उन्होंने कहा था कि हमसे पूछे बिना कोई दारु का ठेका नहीं खुलेगा। लेकिन ठीक इसके उलट हुआ है हमारे इलाके में। स्वराज का वादा किया गया था, लेकिन शराब का ठेका थमा दिया गया है।
शायद आपके समझाने से हमारे इलाके में खुला दारु का ठेका बंद कर दिया जाए। आपसे उम्मीद है। आप ही अरविन्द जी को कुछ समझ और सद्बुद्धि दे सकते हैं।
स्नेहपूर्ण अभिवादन
आपकी बहनें
Leave A Reply

Your email address will not be published.