हार के बाद भी कांग्रेस को हुआ फायदा, दिल्ली में तीसरे पायदान से उठकर दूसरे पर आई

Rohit Sharma / Rahul Kumar Jha

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लोकसभा चुनाव 2019 में दिल्ली की सातों सीट पर बीजेपी ने भारी जीत हासिल की है। खासबात यह है कि सातों कैंडिडेट को 50 फीसदी से अधिक वोट मिले हैं, इससे ये बात सामने आ रही है कि आम आदमी पार्टी से गठबंधन नहीं करके कांग्रेस फायदे में ही रही है। आपको बता दे कि अगर आप और कांग्रेस का गठबंधन होता, फिर भी बीजेपी की जीत होती। लेकिन गठबंधन नहीं होने की वजह से कांग्रेस पार्टी लड़ाई में दूसरे नंबर पर आ गई ।


साथ ही वोट शेयर बढ़ गया है, 7 में से 5 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार बीजेपी के बाद दूसरे नंबर पर रहे, इसकी वजह से करीब 9 महीने बाद होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को फायदा मिल सकता है।

दरअसल लोकसभा चुनाव से पहले करीब 2 महीने तक कांग्रेस और आप में गठबंधन को लेकर बात चली थी, कई बार ऐसी भी खबरें आईं थी कि दोनों पार्टी का गठबंधन लगभग तय है, लेकिन आखिरी वक्त में दोनों पार्टियों ने एक दूसरे पर गठबंधन न करने का आरोप लगाया था।

मनीष सिसौदिया ने कहा कि लोगों के मन में ये साफ था कि ये राष्ट्रीय चुनाव है, कांग्रेस ने भी काफी कंफ्यूजन पैदा किया, इसे सिर्फ मोदी वेव ही कहा जा सकता है। वही दूसरी सातों सीटों पर भारी मतों से हारने वाली आम आदमी पार्टी सिर्फ 2 सीटों पर दूसरे नंबर पर आ सकी, तीन आप कैंडिडेट, चांदनी चौक से पंकज गुप्ता, नई दिल्ली से बृजेश गोयल और उत्तर पूर्वी दिल्ली से दिलीप पांडेय अपनी जमानत बचाने में भी असफल रहे ।

फिलहाल इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही, लेकिन आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बाजी मार सकती है। जिसको लेकर कांग्रेस अपनी तैयारियां अभी से शुरू कर सकती है।

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