विकलांगों को “दिव्यांग” नाम तो मिला पर अभी बहुत कुछ मिलना बाकी: अमित कुमार

Shaihzad Abid/ Rahul Kumar Jha

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नई दिल्ली : दिव्यांगों की देशभर में समस्याओं को लेकर आज टेन न्यूज़ ने भारतीय दिव्यांग संगठन के अध्यक्ष अमित कुमार से बातचीत की।



अमित कुमार ने हमें बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने विकलांगों को दिव्यांग नाम देकर उनका सम्मान तो बढ़ाया है लेकिन दिव्यांगों के कल्याण के लिए काफी कुछ करना बाकी है। यह सरकार बहुत कुछ कर सकती है लेकिन सरकार को दिव्यांगों की कल्याण की इच्छा शक्ति दिखानी होगी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने दिव्यांगों के कल्याण के लिए कई योजनाएं दिखाएं लेकिन वह फाइलों में ही रही। बीजेपी और मोदी सरकार ने इस क्षेत्र में बहुत सी योजनाएं और कानून तो बनाए हैं पर सरकार की ओर से इस दिशा में और ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

कुमार ने कहा कि हमारा समाज दिव्यांगों को उचित आदर नहीं देता उनका मजाक उड़ाता है लेकिन यह हकीकत है कि दिव्यांग की समझदारी किसी सामान्य व्यक्ति से ज्यादा होती है। ईश्वर जब किसी से कोई अंग छीनता है तो शेष अंगों की क्षमता दुगनी कर देता है। यह शासन और समाज का कर्तव्य है कि दिव्यांगों को उचित जगह दे ताकि हम सामान्य लोगों की बराबरी में पहुंच सके। सरकार को विकलांगों के लिए वैसा ही प्रावधान करना चाहिए, जैसा पिछड़ी जातियों के लिए किया गया है हालांकि प्रधानमंत्री के सहयोग से दिव्यांगों के कल्याण के लिए चलाए गए विभिन्न कार्यक्रमों में दिव्यांग लोगों को आंख से देखने की इलेक्ट्रिक मशीन, कानों से सुनने के लिए इयरफोन, ब्रेल लिपि की सागरमी, स्मार्टफोन और मोटर व्हीकल बांटे गए हैं लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है।

भारतीय दिव्यांग संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि दिव्यांगों को निम्न अधिकार जल्द से जल्द मिलने चाहिए:

# विकलांगता की प्रतिशत के आधार पर दिव्यांगों को पेंशन दी जाए।

# दिव्यांग कार्ड मुहैया कर उनकी प्राइमरी से ग्रीष्म तक की शिक्षा मुक्त कराई जाए।

# उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त दी जाएं।

# दिव्यांगों को हर महीने राशन मुफ्त में मिले ।

#दिव्यांगों को प्राइमरी से ग्रेजुएशन तक मुफ्त शिक्षा मिलनी चाहिए।

#दिव्यांगों के लिए सरकारी परिवहन सुविधाएं निशुल्क होनी चाहिए और उन्हें विमान यात्रा में भी छूट मिलनी चाहिए।

# सरकारी और प्राइवेट कंपनियों में दिव्यांगों के लायक पद सिर्फ दिव्यांगों को ही दिए जाएं जैसे लिफ्टमैन, पत्र वाली रिसीव रिस्पेक्ट डिपार्टमेंट, रिसेप्शन, कंप्यूटर डिपार्टमेंट।

# जो पद दिव्यांगों के लिए हैं उन्हें अलग से कैंपेन चला कर भरा जाए।

# इसके साथ साथ सभी राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों में कम से कम 2 विकलांगों को टिकट दे।

अमित कुमार ने आने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा भी जाहिर की, उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें देश की सेवा और विकलांगों के कल्याण के लिए कुछ करने का मौका दिया तो वह बीजेपी से चुनाव लड़ कर देश की सेवा और विकलांगों के कल्याण के लिए कार्य करना चाहते हैं।

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