डी.पी.एस. , ग्रे नो के जूनियर विंग के वार्षिकोत्सव ‘रूट्स एंड विंग्स’ में नन्हे – मुन्नों ने मोहा मन
GREATER NOIDA LOKESH GOSWAMI
19 मार्च।ग्रेटर नोएडा।हमारे समाज में बच्चों को संस्कार देकर उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ने तथा संस्कारों के माध्यम से उनके कोमल मनों तथा उनकी सोच को निश्छलता के पंख लगाने का कार्य दादा–दादी,नाना–नानी की कहानियों के साथ बड़े ही सहज रूप में होता आया है।यद्यपि आज का युग एकल परिवार का युग है, फिर भी दादा–दादी व नाना–नानी के साथ कुछ समय बिताकर बच्चों को जो स्नेह , आनंद व संस्कार मिलते हैंÊ वे तरह–तरह के आधुनिक मनोरंजन के साधनों से प्राप्त नहीं हो सकते। यह कहना है डी.पी.एस. ग्रेटर नोएडा की प्रधानाचार्या श्रीमती रेणु चतुर्वेदी का , ये उद्गार उन्होंने जूनियर विंग वार्षिकोत्सव‘रूट्स एंड विंग्स’ में व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डी.पी.एस.सोसाइटी के सदस्य एवं विद्यालय के चेयरमैन प्रो बी. पी. खंडेलवाल जी , ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की महाप्रबंधक (स्थापत्य एवं योजना विभाग) श्रीमती लीनू सहगल एवं अन्य गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित करके किया । कार्यक्रम में कक्षा एक और दो के नन्हे – मुन्ने विद्यार्थियों ने जहाँ नाटिका में दादा – दादी से सीखी गईं पर्यावरण व अच्छे स्वास्थ्य के लिए उपयोगी बातों की संस्कारयुक्त प्रस्तुति दी , वहीं उनके द्वारा दिए गए प्यार – दुलार एवं संस्कारों के लिए उनका आभार जताया।इस अवसर पर बच्चों ने गीत ‘मधुवन खुशबू देता है’ तथा ‘आइ हैव ए ड्रीम’ गाकर समाँ बाँध दिया।ऑर्केस्ट्रा की मनोहारी धुन पर दर्शक झूम उठे। इसके अतिरिक्त इस अवसर पर बच्चों ने नेहरू जीÊ मदर टेरेसाÊ मलालाÊ कैलाश सत्यार्थीÊ मार्टिन लूथर किंगÊ विवेकानंद आदि महापुरुषों का स्मरण किया तथा उनके भाषण के मुख्य अंश प्रस्तुत किए | अपने संबोधन में मुख्य अतिथि डी.पी.एस.सोसाइटी के सदस्य एवं विद्यालय के चेयरमैन प्रो बी. पी. खंडेलवाल जी ने कहा कि बच्चों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़े रखने में माता–पिता से भी अधिक दादा–दादी की भूमिका होती है।बच्चों को इनके सान्निध्य में एक अनूठा स्नेह प्राप्त होता है और विनम्रता में ही महानता है|बच्चों के प्रदर्शन पर मुग्ध होते हुए उन्होंने बड़े ही भावुक अंदाज़ में कहा कि – जो पेड़ मैंने लगाए थे अपने हाथों से , उन्हीं के साए में चलने लगा हूँ | उनका मानना है कि प्रत्येक बच्चा प्रतिभा का धनी होता हो आवश्यकता उसो निखारने की है – हर एक पत्थर की तकदीर सँवर सकती है , र्त ये है कि करीने से तराशा जाए |इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग देने के लिए जूनियर विंग के सभी सदस्यों की प्रशंसा की गई | समारोह का समापन संगीत – विभाग के अध्यापक श्री अभिनव शर्मा के होली गीत तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रमुख श्रीमती अनुराधा गांगुली के धन्यवाद ज्ञापन से किया गया ।