50 विश्वविद्यालयों में सकारात्मकता पाठ्यक्रम लागू करने का है लक्ष्य: डॉ ज्ञानेश्वर मुले

Ten News Network

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कौंसिल ऑफ रॉयल रूट्स ने शनिवार को नेशनल लीडरशिप समिट ऑफ पॉजिटिविटी का आयोजन नई दिल्ली में किया। पोज़िटिवित्टी इन्स्टिटूट द्वारा समर्थित इस कार्यक्रम का मीडिया पार्टनर टेन न्यूज़ रहा।

इस कार्यक्रम में कौंसिल ऑफ रॉयल रूट्स ,कारवाँ मिशन, नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एलुमनी यूनियन, मिशन, प्रेमास, भारतीय बुनकर एवं कारीगर संघ और कर्मा फाउंडेशन ने इस समिट के आयोजन में पूरा सहयोग किया ।

इस समिट का अहम विषय सकारात्मकता बनाए रखना और देश हित में उसे बढ़ावा देना था।

इस कार्यक्रम में मूव्मेंट ऑफ पाजिटिविटी के संस्थापक एवं पासपोर्ट मैन ऑफ इंडिया डॉ ज्ञानेश्वर मुले सम्बोधित किया ।कार्यक्रम में उन्होंने बताया की मूव्मेंट ऑफ पाजिटिविटी की शुरुआत उन्होंने 3 साल पहले की थी। “उस समय यह एक धारा थी जो आज एक विशाल गंगा सागर बनते हुए नज़र आ रही है,” उन्होंने कहा।

कार्यक्रम में डॉ ज्ञानेश्वर मुले ने बताया कि मुझे पॉजिटिविटी की पहली वैक्सीन मेरे माता पिता से मिली उसके बाद शिक्षकों से ओर उसके बाद भारत के समाज सुधारकों से मिली।

डॉ ज्ञानेश्वर मुले ने 1 फरवरी 2019 को राजगुरु भगत सिंह के जन्म स्थान पर 10 हजार कॉलेज के विद्यार्थियों के सामने सकारात्मकता की शपथ ली थी।

उसके विषय में बताते हुए उन्होंने कहा, “मेरी जिंदगी की प्राथमिकता है समाज में सकारात्मकता को फैलाना। हमारे अंदर जो सकारात्मकता है उसे उजागर करना है। जहां जहां हमे नकारात्मकता दिखती है उसे नकारना और जहां हम सकारात्मकता का बीज बो सकते हैं वहां-वहां हमे बीज बोना है।”

डॉ ज्ञानेश्वर मुले का कहना है की हमने एक संवाद का मंच तैयार किया है जो कि समाज की प्रगति में अहम भूमिका निभाएगा।

नेशनल लीडरशिप समिट ऑन पाजिटिविटी की सफलता पर डाला प्रकाश

टेन न्यूज़ के साथ विशेष बातचीत में उन्होंने बताया की सकारात्मकता एक भावना है जिसका बीज हम बो रहे हैं। और ये सब बातें इस समिट में हुई है जो अपने आप में ही इस उद्देश्य की बड़ी सफलता है।

मूव्मेंट ऑफ पाजिटिविटी को आगे बढ़ावा देने के लिए आपकी अगली योजना क्या होगी ?

हम ग्रासरूट काम पर विश्वास रखते हैं। हम विशेषकर युवा वर्ग और विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना चाहते हैं।
हमें अभी बच्चों के लिए सकारात्मक का पाठ्यक्रम तैयार करना है। हमने कॉलेज और स्कूल के बच्चों के लिए सकारात्मक का पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है। हम चाहते है कि 2022 के अंत तक 50 विश्वविधालय मैं ये पाठ्यक्रम जारी हो। ये बच्चों के अंदर एक धागा बनाएगा जो उन्हें देश से जोड़ कर रखेगा।क्यों कि हमने इस भूमि पर जन्म लिया है और इससे बहुत कुछ लिया है इसलिए हमें इसे देना भी है।

टेन न्यूज़ के साथ विशेष बातचीत में अपने सुनहरी पंक्तियों से लोगो के अंदर सकारात्मकता को उजागर किया।

पंक्तियां कुछ यूं रहीं

मुझे असत्य से सत्य की तरफ ले जाओ,मुझे अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाओ,मुझे मृत्यु से अमरता की ओर ले जाओ । साथ ही उन्होंने 100 करोड़ कोरोना टीकाकरण के लिए भारत के नागरिकों को बधाई भी दी।

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