New Delhi: सालों से पेंशन के लिए दर दर की ठोकर खा चुके सुदर्शन लाल ने सूचना के अधिकार के अंतर्गत कंप्लेन किया था लेकिन जब जवाब आया तो उसे सुनकर उनके होश उड़ गएं। डीटीसी पेंशन सेल के रिकॉर्ड के अंतर्गत सुदर्शन लाल स्वर्गीय हो गए हैं और उनके तथा उनके किसी भी परिवार के सदस्य का नाम पेंशन सेल के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है।
टेन न्यूज से बात करते हुए सुदर्शन ने कहा की मरने का प्रमाण पत्र तो सरकार देती है लेकिन जिंदा रहने का सबूत कहां से लाएं। उन्होंने कहा की 18 साल डीटीसी कर्मचारी के तौर पर नौकरी करने के बात एक स्कीम के तहत वीआरएस लिया था। वीआरएस के बात पेंशन के कुछ पैसे तो तुरंत मिल गए लेकिन बाकी के पैसे देने के लिए डीटीसी अधिकारियों के तरफ से घुस के तौर पर मोटी रकम मांगी गई।
सुदर्शन ने कहा की इतने दिनों तक अपनी सेवा देने के बाद भी ये हाल है। कोई हमारी पीड़ा को सुनने वाला नहीं है। बहुत हीं मुश्किल होता है आज के दौर में हमारा पूरा परिवार है रोजी रोटी कैसे चलेगा।