पंचायत चुनाव ? कोरोना महामारी ? वैक्सिनेशन ? क्या-क्या करे शासन-प्रशासन-प्राधिकरण ?
Ten News Network
नोएडा :– कोरोना का कहर जारी है , यूपी के अधिकतर जिलों में कोरोना बड़ी तेजी से फैल रहा है। वही गौतमबुद्ध नगर की बात करें तो रोजाना 600 से ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे है , कभी तो 1 हज़ार से ज्यादा केस सामने आए है।
हर जगह देखा जा रहा है कि किसी अस्पताल में ऑक्सीजन नही है , न ही बेड खाली है । उत्तर प्रदेश के शो विंडो कहे जाने वाला गौतमबुद्ध नगर में भी ऐसा हाल देखने को मिला है। लोगों की आँखे नम हो जाती है जब उनके परिजनों को अस्पताल में भर्ती नही किया जाता है ।
इंजेक्शन को लेकर अधिकारियों के पैर लोगों ने छुए है। ऐसी तस्वीर भी सबके सामने आ चुकी है। ऐसी भयानक स्थिति को देखते हुए लोगों में सरकार के खिलाफ आक्रोश देखने को मिल रहा है। आम जनता के जुबान पर एक शब्द है कि सरकार ने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कुछ नही किया। आम जनता का आरोप है कि सरकार का सिर्फ ध्यान चुनावों में रहा है।
एक बात तो जरूर सटीक बैठती है की पंचायत चुनाव ? कोरोना महामारी ? वैक्सिनेशन ? क्या क्या करे शासन-प्रशासन-प्राधिकरण ? ये बात अधिकारियों समेत विशेषज्ञों के जुबान पर रही है। पंचायत चुनाव को लेकर शासन का आदेश , जिला – पुलिस प्रशासन , प्राधिकरण के लिए आता है।
ऐसा ही कोरोना वायरस , वैक्सिनेशन को लेकर शासन की तरफ से , ज़िला प्रशासन , स्वास्थ्य विभाग को आदेश आता है कि इस पर कार्ययोजना बनाकर तैयारियां शुरू हो जाती है , साथ ही सरकार से जारी हुए दिशा निर्देश पर काम होना शुरू हो जाता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिला प्रशासन , पुलिस प्रशासन , अन्य विभाग , प्राधिकरण के 1400 अधिकारी समेत कर्मचारियों की ड्यूटी हापुड़ में होने वाले पंचायत चुनावों में लगाई गई है । अगर 1400 के करीब कर्मचारी चुनावों में लगाने से कोरोना की संख्याओं में भारी वृधि हो सकतीं है ।इनके अलावा कई कर्मचारी कोरोना से ग्रसित है। अगर गौतमबुद्ध नगर से करीब 1400 अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी पंचायत चुनावों में लगा रखी है तो कोरोना पर कैसे विजय होंगे, कहते है कि बिना सैनिकों के जंग कैसे जीत सकेंगे।
अगर ये 1400 कर्मचारी और अधिकारी गौतमबुद्ध नगर में काम करते तो बहुत से लोगों को महत्वपूर्ण जानकारियां मिलती , बहुत से लोगों को हॉस्पिटल में बेड मिलते , बहुत से लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती , कालाबाज़ारी पर रोक लगती , सेनिटाइजर हर इलाके में होती , कंटेन्मेंट जोन पर पुलिस सख्ती से पहरा देती , जिससे संक्रमण न फैल सके।अगर चुनाव में सभी कर्मचारी / अधिकारी डूटी करते है तो कोरोना जंग में सभी की डूटी चाहे घर से काम के तहत लगा देते तो शायद लोगों को कुछ तो मदद मिलती |
इस महामारी के जंग में जिला प्रशासन , स्वास्थ्य विभाग , पुलिस प्रशासन और प्राधिकरण का अहम रोल है। जिला प्रशासन के अंदर स्वास्थ्य विभाग आता है , जो स्वास्थ्य से जुड़ी हुई सेवाओं को देखता है , अगर जिला प्रशासन के कर्मचारी और अधिकारी चुनाव में लग जाते है तो कोरोना के केस बढ़ेंगे । पुलिस प्रशासन की बात करें तो नियमों का पालन पुलिस करवाती है , नही तो लोग नियमों की धज्जियां उड़ाते रहेंगे अगर पुलिस प्रशासन नही रहेगा। प्राधिकरण के कर्मचारियों और अधिकारियों का काम है कि जिले को सभी सुविधाएं उपलब्ध हो , सेनिटाइजर से लेकर केयर सेंटर देने की जिम्मेदारी प्राधिकरण की होती है , अगर प्राधिकरण के कर्मचारी और अधिकारी किसी अन्य कामों के लिए बहार भेज दिया जाए तो महामारी से कैसे लड़ेंगे ।
सूत्रों के मुताबिक नोएडा प्राधिकरण में 2500 की संख्या में अधिकारी समेत कर्मचारी काम कर रहे है , साथ ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में बहुत बड़े क्षेत्र के लिए सिर्फ 250 अधिकारी और कर्मचारी काम कर रहे है |
1 मई को राष्ट्रीय स्तर पर वैक्सिनेशन होना है , जिसको लेकर तैयारियां चल रही है| 2 मई को पंचायत चुनाव कि मतगणना है , परिणाम आना है | जिसको लेकर तैयारियां चल रही है , लेकिन ऑक्सीजन और बेड की किल्लत पर काम नही किया जा रहा है। अगर 1400 के करीब कर्मचारी चुनावों में न लगाकर कोरोना महामारी में लगाते तो आज गौतमबुद्ध नगर में ऑक्सीजन और बेड की किल्लत पैदा नही होती , साथ ही कोरोना की संख्याओं में गिरावट होती।
गौतमबुद्ध नगर में सबसे ज्यादा टेस्टिंग , ट्रेसिंग , कंटेन्मेंट जोन , आयसलेशन की व्यवस्था बढ़ती तो ये स्थिति पैदा नही होती । कहते है ना कि बिना सैनिकों के और संसाधनों के जंग नही लड़ी जाती ।