कचैड़ा के किसानों ने बिल्डर और जिला प्रशासन पर लगाए मिलीभगत के आरोप, 11 महीने से है न्याय की आस
Abhishek Sharma / Baidyanath Halder
Greater Noida (15/09/2019) : वेव बिल्डर की मार झेल रहे बादलपुर थाना क्षेत्र के कचैड़ा वारसाबाद गांव के पीड़ित किसानों ने ग्रेटर नोएडा में प्रेस वार्ता का आयोजन किया। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि बिल्डर ने गांव की जमीन अवैध तरीके से कब्जा रखी है और इसमें जिला प्रशासन की भी सांठ-गांठ है। आपको बता दें कि कचैड़ा वारसाबाद गांव के किसान पिछले 11 महीने से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं, लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली।
किसान संघर्ष समिति के सुशील प्रधान का कहना है कि प्रशासन ने बिल्डर से सांठ-गांठ करके अक्टूबर 2018 में किसानों पर लाठीचार्ज करके 86 किसानों को 14 दिन तक जेल में बंद रखा। उसी दौरान लगभग 3500 बीघा धान की पक्की फसल को जोतकर बिल्डर को कब्जा दिलवा दिया गया।
उनका आरोप है कि बिल्डर ने उस जमीन पर भी कब्जा कर लिया जो किसानों ने उसे बेची ही नहीं थी, आपसी समझौते से छोड़ी गई थी। जिसकी पुष्टि जून 2019 में तहसीलदार द्वारा की गई। वहीं इस मामले में लेखपाल की स्थानीय जांच चल रही है।
किसानों की मांग है कि 26 अक्टूबर 2018 में उनकी जमीन पर कब्जा किस आधार पर किया था? उनका कहना है कि तत्कालीन एसडीएम एवं सीओ ने बिना किसी नोटिस के गांव में कब्जा कराया और सभी किसानों, महिलाओं और बच्चों पर लाठीचार्ज किया गया था। 86 किसान इस दौरान जेल में भी रहे थे।
किसानों का कहना है कि इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति स्तर तक की जा चुकी है, उसके बाद भी उन्हें कोई न्याय नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि बिल्डर ने गांव के सरकारी रास्तों व नालों को मिट्टी डालकर बंद करा दिया है। कचैड़ा गांव के लोग पिछले 11 महीने से लगातार धरने पर बैठे हुए हैं और वे लगातार न्याय की आस लगाए बैठे हैं।
किसानों ने मांग की है कि उन पर जो मुकदमे दर्ज हैं वह वापस किए जाएं एवं जो जमीन बिल्डर की है वह बिल्डर को दे दी जाए और जो जमीन ग्रामीणों की है वह उनको सौंपी जाए। वहीं उन्होंने अपनी फसल का भी मुआवजा लेने की भी मांग की है।
सुशील प्रधान का कहना है कि कचैड़ा गांव पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद डॉ महेश शर्मा ने गोद लिया था जिसके बाद भी गांव की हालत नहीं सुधरी। किसानों ने 26 अक्टूबर 2018 की घटना को लेकर जारी नोटिस की सत्यापित कॉपी जारी करने के लिए आरटीआई भी डाली है, जिसके बाद भी उनको जवाब नहीं दिया गया है वही न्याय न मिलने की स्थिति में किसानों ने बड़ा आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है।
इस दौरान धर्मेंद्र नागर, अजय पाल नागर, राम रतन, ब्रह्मपाल, संतराम, भोले राम, चमन सिंह , गजेंद्र, बलवीर सूबेदार आदि लोग मौजूद रहे़।