ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यलय पर हुई 80 गॉवों के किसानों की महापंचायत , किया जोरदार प्रदर्शन , पुलिस बल तैनात

Ten News Network

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ग्रेटर नोएडा :– ग्रेटर नोएडा में प्राधिकरण के सामने सैकड़ों की संख्या में किसान 15 दिन से धरना प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं। किसानों की मांग है कि उन्हें नए भूमि अधिग्रहण बिल के तहत मुआवजा और पूरा लाभ दिया जाए। जिसको लेकर आज 80 गाँवो के किसानों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यलय पर महापंचायत का आयोजन किया गया । महापंचायत से पहले किसानों ने जोरदार तरीके से प्रदर्शन किया , जिसको देखते हुए भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया ।

 

किसानों का आरोप है कि दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर में प्राधिकरण की तरफ से उनकी ली गई जमीन का उनको उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। किसानों की मांग है कि परिवार के सदस्यों को नौकरी और 20 प्रतिशत आबादी क्षेत्र में प्लॉट दिया जाए. इन तमाम मांगों को लेकर प्राधिकरण दफ्तर पर सैकड़ों की संख्या में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं।

 

किसान अपनी मांगों को लेकर कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे धरने पर बैठे हुए है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकार दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर बनाए जाने के लिए किसानों से जमीन अधिग्रहित कर रहा है. किसान नए भूमि अधिग्रहण कानून बिल के तहत मुआवजा चाहते हैं. 80 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण का हो चुका है. किसानों का कहना है कि प्राधिकरण की तरफ से किसानों से ली गई जमीन का उनको उचित मुआवजा नहीं दिया गया है, जिसको लेकर धरने पर बैठे हुए हैं।

 

 

किसानों की मांग है कि 20 प्रतिशत आबादी क्षेत्र में प्लॉट, परिवार के सदस्यों को नौकरी दी जाए. किसानों का आरोप है कि प्राधिकरण उनकी जमीन का 35सौ रुपए मीटर मुआवजा दे रहा है जो पूरी तरीह से गलत है. किसानों की मांग है कि उन्हें नए कानून बिल के तहत मुआवजा दिया जाए. उनका कहना है कि जबतक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाती हैं तब तक वो ठंड में खुले आसमान के नीचे प्रदर्शन जारी रखेंगे।

 

 

किसानों ने कहा कि आज 80 गॉवों की महापंचायत हो रही है , जो निर्णय आज लिया जाएगा वो किसानों को मंजूर होगा। हालांकि, प्राधिकरण के अधिकारियों और किसानों की कई दौर की बैठक हो चुकी है. लेकिन, ये सभी बैठकें बेनतीजा साबित हुई हैं।

 

किसानों को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ कृष्ण कुमार गुप्त का कहना है की दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर में प्राधिकरण की तरफ से उनकी ली गई जमीन का उनको उचित मुआवजा दिया गया है |नए भूमि अधिग्रहण कानून के हिसाब से मुआवजा दिया गया है , उन्होंने बताया की 1750 का रेट था , जो डबल के हिसाब से 3500 रूपये वर्ग मीटर का मुआवजा दिया गया है | साथ ही उन्होंने कहा है की इस मामले का उत्तर प्रदेश शासन को अवगत करा दिया गया है | हम किसानों से वार्ता करने के लिए तैयार है , कई बार किसानों के साथ बैठक हो चुकी है , जो भी उनके मन आंशका है उनको दूर किया गया |

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