किसान आंदोलन से अलग हुआ भाकियू भानु गुट, 58 दिन बाद चिल्ला बाॅर्डर पर प्रदर्शन खत्म

Ten News Network

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Delhi: ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली की सड़कों पर हुए बवाल के बाद भारतीय किसान यूनियन भानु गुट ने खुद को किसान आंदोलन से अलग कर लिया। साथ ही, चिल्ला बॉर्डर पर 58 दिनों से चला आ रहा धरना बुधवार शाम को समाप्त हो गया।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानू प्रताप सिंह ने प्रेसवार्ता में धरना समाप्त करने की घोषणा की। उन्होंने गणतंत्र दिवस पर हुई दिल्ली की घटना पर अफसोस जताया। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ उनका आंदोलन जारी रहेगा।

दिल्ली के आईटीओ चौक पर पुलिस पर हुए हमले और लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज के स्थान पर किसी झंडे के फहराए जाने से आहत भानू प्रताप सिंह ने अपने धरने को समाप्त करने के संकेत बुधवार दोपहर को ही दे दिए थे।

चिल्ला बॉर्डर स्थित धरना स्थल पर किसान नेताओं की करीब तीन घंटे चली वार्ता के बाद धरना खत्म करने पर सहमति बनी। शाम पौने पांच बजे प्रेसवार्ता कर भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने धरना समाप्त करने की बात कही। इसके बाद पुलिस ने धरना स्थल को कब्जे में लेना शुरू कर दिया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह ने कहा कि हम किसानों की समस्या का समाधान कराने के लिए आए थे। किसी तरह की उदंडता को हमारा समर्थन नहीं था। 26 जनवरी को दिल्ली में जो कुछ भी घटित हुआ वह देश को शर्मसार करने वाला था। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का स्थान कोई और झंडा नहीं ले सकता जो जवान देश की सुरक्षा करते हैं, उन पर हमला करने वालों का संगठन विरोध करता है।

इस घटना से दुखी होकर वह चिल्ला बॉर्डर से धरना खत्म करने की घोषणा करते हैं। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में बवाल के जो भी दोषी हों, उन पर सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

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