दिल्ली मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर से प्रभावित किसानों ने 4 गुना मुआवजे की माँग को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किया प्रदर्शन

Saurabh Kumar / Photo & Video By Baidyanath Halder

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Greater Noida: दिल्ली मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर से प्रभावित गौतम बुद्धनगर के किसानों को नए भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार परियोजना प्रभावित परिवार मानते हुए, बाजार दर का चार गुना मुआवजा एवं 20% प्लॉट तथा सभी प्रभावित किसानों और भूमिहीनों की सभी बालिग बच्चों को रोजगार दिए जाने की मांग को लेकर आज ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर ज़ोरदार प्रदर्शन करते हुए प्राधिकरण का घेराव किया। प्रदर्शन में पल्ला, पाली, चिटहैरा, कठहैरा और बोड़ाकी आदि गांवों के किसानों और महिलाओं ने भाग लिया।

इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल समेत साथ ही वरिष्ठ अधिकारी भी तैनात रहे। महिला प्रदर्शनकारियों को देखते हुए बड़ी संख्या में महिला पुलिस बल को भी तैनात किया गया। टेन न्यूज़ से बातचीत करते हुए किसानों ने कहा की उत्तर प्रदेश सरकार के संरक्षण में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण लंबे समय से षड्यंत्र के तहत किसानों का शोषण करता आ रहा है, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

किसानों ने बताया की ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने वर्ष 2013 में एक बोर्ड मीटिंग करके नए कानून का हवाला देते हुए किसानों की बेशकीमती जमीन हड़पने के लिए मात्र ₹3500 प्रति वर्ग मीटर की दर का मुआवजा निर्धारित कर किसानों से सीधे बैनामों द्वारा जमीन लेनी शुरू कर दी थी , जोकि नए कानून का सीधा-सीधा उल्लंघन है।

किसानों का कहना है कि उनकी जमीन की बाजार निकाल कर के उस पर 4 गुना मुआवजा निर्धारित किया जाना था । साथ ही 20 प्रतिशत प्लॉट व रोजगार तय करना था , लेकिन बोर्ड मीटिंग में नए कानून का हवाला तो दिया गया , परंतु पूर्व में दिए जा रहे 1400 रुपए प्रति वर्ग मीटर के मुआवजे के साथ 10 परसेंट प्लॉट की कीमत जोड़कर जो 3500 रुपए की दर तय की थी।

उसी को नए कानून की दर बताकर 7,8 वर्षों से जमीनें हड़पने का कार्य किया जा रहा है, जबकि पूर्व में रहे पैतृक जनपद गाजियाबाद में 1700 रुपए प्रति वर्ग मीटर तक का मुआवजा किसानों को मिल रहा है। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो 18 मार्च को प्राधिकरण के घेराव के बाद उनकी जमीनों पर किए जा रहे निर्माण कार्य को भी रोका जाएगा।

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