नोटबंदी के एक माह बाद देश के हालात

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मृत्युंजय दीक्षित
नोटबंदी के एक माह बाद कई पहलू सकारात्मक भी सामने आ रहे हैं । तो कई नकारात्मक पहलू भी सामने आ रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह हुई है कि पाकिस्तान में दाऊद व आतंकियों का जाली नोटों का कारोबार पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। अभी हाल ही में खबर आयी है कि पाकिस्तान में दाऊद, लश्कर व जैश के लोगों को भारत विरोधी अभियान चलाने में मदद करने वाला जाली नोटों के सबसे बड़े सरगना जावेद हनानी ने आत्महत्या कर ली है। उसका हजारांे करोड़ का जाली नोट बर्बाद हो चुका है। इस सरगना की गतिविधियों पर भारत और अमेरिका की खुफिया एजेंसियां की निगाहें लगातार बनी हुयी थीं। नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते होने वाले नकली नोटों के कारोबार को गहरा झटका लगा है। कहा जा रहा है कि पंजाब बार्डर के खेतों पर नोटों से भरे बैग और थैले नहीं दिखलायी पड़ रहे हैं। पंजाब में नोटबंदी के बाद भारी मात्रा में जाली करंेसी बरामद हो चुकी है। पूरे देशभर में छापेमारी में करोड़ों की संख्या में नोट लगातार बरामद हो रहे हैं। नोटों की तस्करी करने वाले जमाखोरों पर कड़ी कार्यवाही हो रही है। बैंकों के भ्रष्ट अध्किारी सकते में हैं। अब तक 50 से अधिक बैंक अधिकारियों व कर्मचारियांें पर कालेधन को सफेद करने के आरोप में कार्यवाही हो चुकी है।
सबसे बड़ा असर नक्सलवाद पर पड़ा है। नोटबंदी के बाद अब तक 564 से अधिक नक्सलवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं तथा दो दर्जन से अधिक नक्सलवादी मौत के घाट उतारे जा चुके हैं। खबर है कि नक्सलवादियों लगभग एक हजार करोड़ रूपया गुप्त स्थानों पर दबा लिया है तथा वह बदले की कार्यवाही के लिए तड़प पर रहे हैें। दूसरी बात यह हुयी है कि देशभर मंे फलो व सब्जियों के दामों मेें भारी कमी देखी जा रही है। हालांकि कहीं कहीे गेहूं ,चावल व चना के दामों में तेजी भी देखी जा रही है।
यह बात अलग हैं कक बैंकों में अचानक कैश की भरी कमी के चलते बैंको व एटीएम के बाहर लम्बी कतारें लगी हुयी हैें। कई जगहों पर कतारों की कमी अवश्य आयी हैं अब मोदी सरकार की सबसे बड़ी समस्या और परीक्षा की घड़ी यह है कि बैंकांे व एटीएम में लगी कतारें कितनी जल्दी समाप्त होती है। विश्लषक सरकार से पूछ रहे हैं कि अब तक कितना कालाधान सरकार के पास आया और उसका क्या उपयोग होने जा रहा हैं। जनमानस की निगाहें 50 दिन पूरे होने के बाद क्या होगा इस पर टिक गयी हंैे। मीडिया जगत में चर्चा हो रही है कि क्या 50 दिन बाद देश की जनता के अच्छे दिन आ जायेंगे। भ्रष्टाचार और कालेधन की समस्या का अंत हो जायेगा। सरकार इन्हीं सब समस्याओं का अंत करने के लिए कैशलेस व्यवस्था का प्रचार प्रसार करने लग गयी है। पीएम मोदी ने अपने सांसदो व विधायकों से कैशलेस व्यवस्था काचुनाव प्रचार की तरह प्रचार करने की बात कही है। सरकार ने कैशलेस व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए कई कदमों की घोषणा की है। सरकार ने सबसे ऐतिहासिक फैसला यह लिया है कि आने वाले दिनों मेें प्लास्टिक की करंेसी बाजार में चलने लगेंगी। जिससे नकली नोटों पर लगाम लग सकेगी।
नोटबंदी के चलते आज बाजार का सारा समीकरण बदल गया है। सबसे ज्यादा असर रियल स्टेट व लोन व्यवस्था पर पड़ने वाला है। रियल स्टेट में दरों में भारी कमी आ रही है। वहीं विकास दर में गिरावट का अनुमान लगाया गया है। नोटबंदी के बाद जीडीपी जो 7. 6 फीसदी तक जा रही थी वह घटकर 7.1 ही रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। अचानक नोटबंदी से पर्यटकांे को भी परेशानी का सामना करना पड़ा हैं। जबकि दूसरी ओर सबसे बड़ी बात यह भी हुयी है कि देश के 47 शहरी नगर निगम जबर्दस्त तरीके से अमीर हो गये हैंे। जनता ने अपना सारा नोट सरकारी बिलों के भुगतान मेें निपटा लिया है।
कहा जा रहा है कि नोटबंदी का असर आगामी विधानसभा चुनावों में अवश्य दिखलायी पड़ेगा। उप्र मंे कई छोटे दलों कोे चुनाव प्रचार करने व भीड़ जुटाने के लिए धन की भारी कमी हो गयी है। यही कारण है कि आज सपा व बसपा जैसे दल भाजपा को चुनावों में सबक सिखाने की बात कह रहे हैं। मायावती को तो मोदी फोबिया हो ही गया है। लेकिन फिलहाल केंद्र सरकार अपना फैसला किसी भी प्रकार के दबाव में आकर बदलने नहीं जा रही।

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