उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले से बड़ी खबर सामने आई है। चित्रकूट जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर मुकीम काला और मेराजुद्दीन, जो कि मुख्तार अंसारी का खास गुर्गा था। दोनों की आज सुबह, चित्रकूट जेल में गैंगवार के दौरान हत्या कर दी गई। यह हत्या, चित्रकूट जेल में बंदी, अंशुल दीक्षित द्वारा की गई। जिसके बाद पुलिस ने अंशुल दीक्षित को ढेर कर दिया।
अंशुल दीक्षित को मजबूरन मारना पड़ा
मिली जानकारी के मुताबिक, चित्रकूट जेल में सुबह हुई परेड के दौरान, अंशुल दीक्षित ने मुकीम काला और मेराजुद्दीन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाना शुरू कर दी। जिसके बाद मुकीम काला और मेराजुद्दीन की मौके पर ही मौत हो गई। अंशुल दीक्षित यहीं नहीं रुका, उसने अपनी फायरिंग जारी रखी और जेल में बंद बाकी कैदियों और जेल प्रशासन पर भी गोलियां बरसाता रहा, जिसके बाद जेल प्रशासन को पुलिस फोर्स बुलानी पड़ी। पुलिस फोर्स ने अंशुल दिक्षित की घेराबंदी कर दी और अंशुल दिक्षित को सरेंडर करने को कहा, लेकिन वह नही माना और पुलिस पर गोलियां बरसाता रहा। जिसके बाद पुलिस ने अंशुल दिक्षित को जवाबी कार्रवाई में ढेर कर दिया।
अंशुल दीक्षित ने ली थी सुपारी
बताया जा रहा है कि, अंशुल दीक्षित ने मुकीम काला की सुपारी ले रखी थी। जिसके लिए उसने अपना ट्रांसफर चित्रकूट जेल में करवाया था। गैंगवार में मारा गया कुख्यात गैंगस्टर मुकीम काला को हाल ही में सहारनपुर जेल से चित्रकूट जेल में लाया गया था। और वही, मेराजुद्दीन जो कि ईस्ट यूपी से पूर्व बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का खास गुर्गा था, उसको बनारस जेल से चित्रकूट जेल में लाया गया था। मगर इस समय सवाल यह उठ रहा है कि अंशुल दीक्षित को हथियार कैसे मुहैया कराए गए। इसके पीछे किस – किस का हाथ था। फिलहाल, इसकी जांच चल रही है।
कौन है अंशुल दिक्षित?
अंशुल दीक्षित उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के मकनपुर कुंडरा बनी का रहने वाला था। उसने लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र के रूप में दाखिला लिया था। जहां उसकी दोस्ती कुछ बदमाशों से हो गई। जिसके बाद अंशुल दिक्षित ने बदमाशी का रास्ता अपना लिया और उसके बाद उसने अपनी जिंदगी में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सन, 2008 में बिहार के गोपालगंज जिले में अंशुल दीक्षित को, अवैध हथियारों के जखीरे के साथ पहली बार पकड़ा गया था। जिसके बाद वह जेल से ही वारदातों को अंजाम देता रहा और साल, 2019 में उसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था। तब वह रायबरेली जेल में बंद था।