स्वास्थ्य व्यवस्था खराब को लेकर सीएमओ को हटाने के लिए उठी आवाज , नोएडा के गणमान्य लोगों ने दी प्रतिक्रिया
Ten News Network
नोएडा :– गौतमबुद्ध नगर में कोरोना का प्रकोप जारी है , वही इस बार के कोरोना ने स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल कर रख दी है। जो सरकार दावे करती थी उनके यहाँ ऑक्सीजन और बेड की कमी नही है , उस राज्य में सबसे ज्यादा किल्लत पैदा हो रही है।
गौतमबुद्ध नगर की बात करे तो कोरोना के मरीजों को बेड नही मिल रहा है , अगर बेड मिल रहा है तो ऑक्सिजन नही है । रेमेडिसिवर इंजेक्शन को लेकर डॉक्टर मरीजों के परिजनों पर प्रेशर बना रहे है। जिसको लेकर मरीजों के परिजन स्वास्थ्य विभाग के चक्कर काट रहा है।
साथ ही गौतमबुद्ध नगर के तमाम अस्पतालों के डॉक्टर यही कह रहे है , ऑक्सीजन सिलेंडर का खुद इंतजाम करें , हमारे यहाँ ऑक्सीजन नही है। कुछ अस्पतालों के यह हाल है कि बेड सिर्फ वीवीआईपी के लिए खाली है। सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि नोएडा के यथार्थ अस्पताल में एक भी बेड खाली नही था , जैसे ही सपा पार्टी के नेता रामगोपाल यादव , अक्षय यादव समेत केंद्रीय मंत्री कोरोना संक्रमित हुए है , उनके लिए बेड खाली हो गए। खासबात यह है कि वो बेड ऑक्सीजन वाले है।
वही इन सभी मामले में गौतमबुद्ध नगर की जनता में आक्रोश पैदा हो चुका है। साथ ही स्वास्थ्य व्यवस्था खराब होने पर अब नोएडा के बहुत समाजसेवी , पदाधिकारी गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ को हटाने की माँग कर रहे है।
नोएडा के समाजसेवक अमित गुप्ता का कहना है कि गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ को योगी सरकार तत्कालप्रभाव हटाए। उनका कहना है कि सीएमओ का आचरण देखा गया है कि आखिर किस तरिके से लोगों के साथ व्यवहार कर रहे है। अमित गुप्ता ने कहा ने कहा की दीपक ओहरी सीएमओ के पद पर तैनात है , वो एक वरिष्ठ अधिकारी भी है। वो मरीजों के परिजनों को दिलाशा तो दे सकते है , लेकिन ऐसा नही है , मरीजों के परिजनों को धमकी दी जाती है।
अमित गुप्ता ने कहा कि जब कोरोना की शुरुआत हुई थी , तब अनुराग भार्गव सीएमओ के पद पर तैनात थे , वो अधिकारी के नाते लोगो को दिलासा देते थे , मरीजों के परिजनों को हिम्मत देते थे , वो किसी भी समय फ़ोन उठाकर समस्या का निस्तारण करते थे , लेकिन अब जो सीएमओ है वो कहते है बेड के लिए योगी से माँग करें , ऑक्सीजन के लिए योगी से माँग करे , रेमेडिसिवर इंजेक्शन के लिए योगी से माँग करे , फिर आपको यहाँ क्यों भेजा गया है।
अमित गुप्ता ने कहा की गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ दीपक ओहरी कभी कभी फ़ोन भी नही उठाते है। अगर फ़ोन उठा भी लिया तो कहते है कि एक दिन मे 18 -20 घण्टे काम कर रहे है , कहते है कि गौतमबुद्ध नगर में सब ठीक है। मुझे लगता है कि गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ सिर्फ घर से ऑफिस और ऑफिस से घर जाते है , उन्हें तभी यह लगता है कि गौतमबुद्ध नगर में स्वास्थ्य सेवा ठीक है।
नेफोवा संस्था के उपाध्यक्ष मनीष कुमार ने कहा कि गौतमबुद्ध नगर में स्वास्थ्य सेवाओं का बहुत बुरा हाल है। कोरोना के मरीजों को बेड , ऑक्सीजन बेड तक नही मिल पा रहे है। जो जिला प्रशासन ने पोर्टल बनाया है कि इस पोर्टल के माध्यम से सिर्फ सिंगल डिजिट की संख्या में लोग भर्ती हो रहे है। मनीष कुमार ने कहा कि दैनिक जागरण के मुताबिक गौतमबुद्ध नगर में 10 दिन के अंदर करीब 800 लोगों की मौत कोरोना की वजह से हुई है। सरकारी आंकड़े बताते है कि 10 दिनों सिर्फ 100 से ज्यादा मौतें हुई है।
मनीष कुमार ने कहा कि सीएमओ दीपक ओहरी को तत्कालप्रभाव से हटाया जाए , उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं पर कोई ध्यान नही दिया । लोग तड़प रहे है , उनके सामने परिजन दम तोड़ रहा है , दीपक ओहरी कहते है कि जिले में डेथ रेट कम है। सीएमओ का काम होता है की स्वास्थ्य सेवाओं की पूर्ति करवाना , लेकिन ऐसा कुछ भी दिखाई नही दे रहा है।
सेक्टर 18 मार्किट एसोसिएशन की महासचिव अनिता सिंह ने कहा कि सीएमओ का काम फ़ोन उठाना नही है। उनका काम स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना है , अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध हो , उसके लिए प्रशासन को सूचित करना सीएमओ काम है , जो हमारे गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ कर रहे है। ऑक्सीजन और बेड की किल्लत होना , यह जिम्मेदारी अस्पताल के मैनेजमेंट की है , इसमें सीएमओ की कोई गलती नही है। आज गौतमबुद्ध नगर में टेस्टिंग , ट्रेसिंग पर ज्यादा जोर दिया गया है। जिसके चलते सबसे ज्यादा मरीजों की पहचान हो रही है।
महोदय,
जैसा कि सर्वविदित है कि इस समय सम्पूर्ण भारतवर्ष कोविड संक्रमण के दौर से गुज़र रहा है और स्थिति चारों ओर भयावह है। जिस प्रकार आप स्वयं उत्तर प्रदेश के हालात पर हर पल निगरानी रखे हुए हैं तथा हर सम्भव प्रयास नागरिकों को राहत दिलवाने हेतु कर रहे हैं यह अत्यंत सराहनीय है। मुख्यमंत्री फेडरेशन ऑफ नोएडा रेसिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (फोनरवा) संस्था नोएडा स्थित विभिन्न रिहायशी सेक्टर की रेसिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व करने वाली शहर की प्रमुख संस्था है, जो शहर की विभिन्न आरडब्लूए का पक्ष प्रशासन, प्राधिकरण, जनप्रतिनिधियों एवं अन्य संबंधित अधिकारियों और विभागों के समक्ष रख उसका निदान कराने में सहयोग करने का कार्य करती है।