संस्कारित एवं देषभक्त युवकों का निर्माण करेगा, आर्य समाज

Galgotias Ad

IMG_20150820_174842

 

 

-डाॅ0 अनिल आर्य का आह्वान

गाजियाबाद । रविवार, 20 अगस्त 2015, केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् उतर प्रदेश के तत्वावधान में आर्य समाज मंदिर, नया आर्य नगर में आयोजित ‘‘ युवा संस्कार अभियान ‘‘ के अंतर्गत युवा यज्ञोपवीत संस्कार समारोह’’ में 101 युवक, युवतियों ने यज्ञोपवीत धारण किया ।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.अनिल आर्य ने अपने सन्देश में कहा कि हिन्दू समाज संगठित हो तभी देश सुरक्षित रह सकता है । चरित्रवान युवक ही राष्ट्र विरोधी ताकतों का मुकाबला कर सकते हैं क्योंकि चारित्रिक बल सबसे बडा बल होता है। युवकों को जीवन में समयबद्धता, अनुशासन, माता-पिता के आज्ञाकारी, आत्मविश्वास, संकल्पवान और देशभक्त होना चाहिये। ऐसे देशभक्त युवकों का युवक परिषद् निर्माण करती है। चरित्र निर्माण राष्ट्र की सबसे बडी आवश्यक्ता है।

यज्ञ के ब्रह्मा पं0 महेन्द्र भाई राश्ट्रीय महामंत्री ने कहा कि यज्ञ से त्याग व उपकार की भावना जागृत होती है । यज्ञोपवीत हमारी पुरातन गौरवशाली संस्कृति का आधार है । समारोह में सैंकड़ों आर्य जनों ने भाग लेकर महर्षि दयानन्द के पदचिन्हों पर चलने, नषा मुक्त समाज की स्थापना करने एवं बीडी-सिग्रेट, अण्डा-मांस, षराब तथा गुटके से दूर रहने का संकल्प लिया।

इस अवसर पर श्री प्रवीण आर्य महामंत्री केन्द्रीय आर्य युवक परिशद ने कहा कि धर्म समाज को जोड़ता है तोड़ता नहीं, वैदिक धर्म सर्वे भवन्तु सुखिनः की बात करता है । पारिवारिक सद्भावना के बिना जीवन सफल नहीं हो सकता, समाज का उत्थान – राष्ट्र का उद्धार नहीं हो सकता । श्रेष्ट संस्कारों से ही युवा पीढी उत्थान के शिखर पर पहुॅंच सकती है।

समारोह के मुख्य अतिथि डाॅ0 आर0के0 आर्य, निदेषक स्वदेषी आयुर्वेद ने अपने उद्बोधन में कहा कि सदा से ही युवा पीढी समाज सुधार करती आई है। आज भी करना होगा। समाज में फैली हर बुराई को दूर करने का बीडा उठाना होगा। अब चाहे वे बुराइयाॅं देहिक हों, देविक हों, सामाजिक हों, मानसिक हों भौतिक हों या फिर राजकीय हों । आज-कल के युवको को हम शिक्षा तो दे रहे हैं पर दिशा नहीं। आज युवकों को सही दिशा का ज्ञान, अपने कर्तव्यों का ज्ञान अपनी सांस्कृतिक धरोहर और भावी पीढी के उत्तरदायित्व को उठाने का ज्ञान सुचारू रूप से होना बहुत आवश्यक है। आर्य समाज के इन्हीं कार्यक्रमों के माध्यम से ही आज का युवक संस्कारवान हो सकता है ।

समारोह के विशिष्ट अतिथि श्री नरेन्द्र कुमार पांचाल ने कहा कि आज कन्या भू्रण हत्या की समस्या बढ़ती जा रही है जो कि देश के लिए चिन्ता जनक है, हमें इसकी गम्भीरता को समझना चाहिए और साथ ही आज फिर समाज में पाखण्ड और अन्ध विश्वास बढ़ रहे हैं जिसका भोले भाले लोग शिकार हो जाते हैं आर्य जनों को चाहिए कि वह समाज से इन बुराईयों को दूर करने के लिए मैदान में आगे आयें ।

श्री बेगराज आर्य, नरेष चन्द्र, दीनानाथ नागिया, षिषुपाल आर्य, सोनिया एवं साथी कलाकारों के द्वारा गाये मधुर भजनों ने श्रद्धालुओं को झुमा दिया।

समारोह अध्यक्ष रिंकू कुमार त्यागी, समाज सेवी ने कहा कि व्यक्ति का निज जीवन समाज के लिए आदर्श होना चाहिए आपके जीवन को देख कर ही व्यक्ति आपके अनुगामी बनेंगे । उपनयन का अर्थ है समीपता को प्राप्त करना। आचार्य की सामीप्यता प्राप्त करके बालक शिक्षा द्वारा अपने जीवन को समुन्नत करता है। शिक्षा व्यक्ति को काम करने में समर्थ बनाती है। उपनयन संस्कार मानव निर्माण की आधारशिला है। यज्ञोपवीत के 3 धागे स्वजीवन को समुन्नत बनाना तथा राष्ट्र के लिये भावी सन्तति को समुन्नत बनाकर देने के व्रत के प्रतीक हैं। प्रत्येक भारतीय का यह संस्कार होना चाहिये जिससे राष्ट्र में सद्चरित्र, शिक्षित नागरिक उपलब्ध हो सकें ।

एडवोकेट संदीप त्यागी जी ने कहा कि आर्य समाज का देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान रहा है,अब आर्य जनों को राष्ट्र की रक्षा के लिए तैयार रहना पड़ेगा ।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद नन्दग्राम-शाखा के युवक-युवतियों द्वारा भव्य योग, व्यायाम एवं शारीरिक शक्ति प्रदर्शन किया गया, जिसकी दर्शकों ने बहुत प्रशंसा की ।

समारोह का कुशल संचालन महामंत्री प्रवीन आर्य ने किया । समारोह को सफल बनाने में सौरभ गुप्ता, संजीव आहुजा, सुरेश प्रसाद, त्रिलोक उमराव षास्त्री, राहुल आर्य, आशीष सिंह, अश्वनी बत्रा, राजेन्द्र, नरेन्द्र आर्य, राजकुमार षास्त्री आदि का विशेष योगदान रहा ।
इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री राकेष षर्मा, तेजपाल सिंह, सुरेन्द्र नागर, सुरेष आर्य, बीर सिंह, मनमोहन वोहरा, वीना वोहरा, त्रिलोक षास्त्री, संजय राणा, हर्श बवेजा, रामाषंकर षास्त्री आदि उपस्थित रहे ।

Comments are closed.