ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड बैठक : जमीन अधिग्रहण व ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर रहेगा जोर, 4,369 करोड का बजट पास

ABHISHEK SHARMA

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की पहली बार वीडियो कांफ्रेंसिंग से मंगलवार को बोर्ड बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता प्राधिकरण के चेयरमैन आलोक टंडन ने की। इसमें चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में शहर को और बेहतर बनाने व विस्तार करने पर 4369 करोड़ रुपये खर्च करने के लिए बजट पास किया गया।

इसकी करीब 50 फीसदी रकम जमीन अधिग्रहण पर खर्च होगी। इससे शहर में चार औद्योगिक सेक्टर बसाए जाएंगे। हालांकि, इस साल संपत्तियों के आवंटन से सिर्फ 573 करोड़ रुपये की आमदनी का आकलन है।

बैठक में सीईओ नरेंद्र भूषण, नोएडा की सीईओ रितु माहेश्वरी, यीडा के एसीईओ रविंद्र सिंह शामिल हुए। इस दौरान तय किया गया कि प्राधिकरण के बजट में से 2000 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण पर खर्च होंगे। इस साल गांवों के विकास पर 200 करोड़ रुपये खर्च का आकलन है।

प्राधिकरण का कहना है कि इनमें से 67 करोड़ रुपये के काम पहले ही शुरू भी हो चुके हैं। 25 करोड़ रुपये के काम के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। करीब 31 करोड़ रुपये के कार्यों के लिए एस्टीमेट तैयार कर लिया गया है। इस साल शहरी सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए 390 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। आधारभूत ढांचों के विकास पर 888 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

इसके अलावा पूंजीगत व्यय पर करीब 193 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बीते वित्तीय वर्ष 2019-20 में ग्रेनो प्राधिकरण ने करीब 1700 करोड़ रुपये ही खर्च किए हैं। हर साल बजट मार्च-अप्रैल में पास हो जाता था, लेकिन कोरोना संकट से बजट अब पास हो रहा है।

प्राधिकरण ने कोरोना संकट काल में अपने आवंटियों को कई बड़ी राहतें भी दी हैं। प्राधिकरण ने कोरोना संकट काल में अपने आवंटियों की सुविधा का ध्यान रखा है। प्राधिकरण के सभी मदों में बकाये के संबंध में जमा की जाने वाली धनराशि पर सभी प्रकार के आवंटियों को बड़ी सुविधा देने के प्रस्ताव पर बोर्ड द्वारा कायरेत्तर स्वीकृति प्रदान कर दी गई है, इसके अंतर्गत 22 मार्च 2020 से 30 जून 2020 के मध्य सभी मदों के बकाये के विलंब शुल्क पर कोई ब्याज नहीं लिया जायेगा।

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