केंद्रीय कपड़ा मंत्री श्री संतोष कुमार गंगवार ने किया आईएचजीएफ- दिल्ली मेले के 40वें संस्करण का उद्घाटन 110 से अधिक देशों के विदेशी खरीदार कर रहे हैं मेले में शिरकत

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LOKESH GOSWAMI

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8आज इंडिया एक्सपो सेंटर एण्ड  मार्ट में केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष गंगवार ने भारतीय हस्तशिल्प और उपहार के दुनिया के सबसे बड़े मेले आईएचजीएफ- दिल्ली मेला 2015 का ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर ऐंड मार्ट में एक रंगारंग कार्यक्रम के दौरान उद्घाटन किया.इस मेले का आयोजन हस्तशिल्प निर्यात परिषद (ईपीसीएच) कर रही है.उद्घाटन के मौके पर गौतम बुद्ध नगर की विधायक श्रीमति विमला बॉथमकपड़ा मंत्रालय के हस्तशिल्प सचिव डॉ. एस. के. पांडाजीएनआईडीए के अध्यक्ष श्री रामा रमण और हस्तशिल्प विकास आयुक्त श्री आलोक कुमार भी मौजूद थे. आईएचजीएफ-दिल्ली मेला शरद 2015 के 40वें संस्करण के उद्घाटन के दौरान श्री संतोष गंगवार ने कहा, ‘भारत के हस्तशिल्प की एक अलग छवि है जिसका दुनिया में कहीं कोई और मेल नहीं है. भारतीय हस्तशिल्प की छवि को आगे इस तरह के मेलों के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा सकता है.उन्होंने आगे कहा कि निर्यात समुदाय को उत्पादों में नवीनता लानी चाहिए जिससे आईएचजीएफ-दिल्ली मेले में पहुंचे खरीदारों को यह लगे कि उन्हें इस तरह के उत्पाद दुनिया में अन्यत्र कहीं और नहीं मिल सकते.भारत  कच्चे मालशिल्प कौशल, जातीय परंपरा और प्रणालियों का एक खजाना है,  हमें नवाचार और नयापान लाने की  दिशा में कार्य करना चाहिए।उन्होंने नए हॉल का निर्माण कर मेला आयोजन क्षेत्र में वृद्धि करने के लिए ईपीसीएच की प्रशंसा की.उन्होंने आगे कहा 7 लाख से अधिक कारीगरों और शिल्पकारोंजो इस क्षेत्र की रीढ़ की हड्डी हैंको रोजगार देता हस्तशिल्प क्षेत्र सबसे बड़े सेक्टरों में से एक है. सरकार और निर्यात समुदाय को इस क्षेत्र को बढ़ावा देने की दिशा में मिलकर काम करने की जरूरत है.कपड़ा सचिव श्री एस. के. पांडा ने उचित विकास करने के लिए हस्तशिल्प क्षेत्र को बधाई दी. उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प क्षेत्र न केवल विदेशी मुद्रा अर्जित कर रहा है बल्कि यह बड़ी संख्या में कारीगरों को रोजगार भी मुहैया करा रहा है. उन्होंने निर्यात समुदाय से संयुक्त विकास और गांव को गोद लेने पर जोर देने की सलाह दी जिससे इस क्षेत्र की रीढ़ की हड्डी कारीगरों की आजीविका में सुधार हो सके. सबका साथ सबका विकास – श्री संतोष कुमार , गंगवार भी समावेशी और सतत विकास के लिए हस्तशिल्प को बढ़ावा देने पर डॉ एसके पंडा, सचिव कपड़ा द्वारा लिखित एक पुस्तक के साथ मेले की निर्देशिका का विमोचन किया ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक और इंडिया एक्सपो सेंटर ऐंड मार्ट के अध्यक्ष श्री राकेश कुमार ने मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए आईएचजीएफ- दिल्ली की पिछले 21 वर्षों की यात्रा से अगवत कराया और संबंधित अथॉरिटी को इस बड़े और विशेष राज्य कला प्रदर्शनी केंद्र की सहायता के लिए धन्यवाद दिया जिनकी वजह से यहां छह विश्वस्तरीय हॉल के निर्माण से मौजूदा मेला आयोजन क्षेत्र में 40,000 वर्ग मीटर की वृद्धि हुई.  मेले का मुख्य आकर्षण श्री कुमार सूचित गार्डन और गार्डन सहायक उपकरण का विषय मंडप की स्थापना कर रहा है। के बारे में 3000 खरीदारों शो के पहले दिन के दौरान दर्ज किए गए हैं। फैशन शो के साथ साथ मौजूदगी और बिक्री को अधिकतम करने के लिए महत्वपूर्ण उपकरण – उपस्थिति एवं बिक्री सोशल मीडिया को अधिकतम करने के लिए महत्वपूर्ण उपकरण – दो सेमिनार भी और Yiwu, चीन और सामाजिक मीडिया के साथ व्यापार करने के लाभ पर आज आयोजित किया गया है। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री राकेश कुमार ने बताया, ‘हस्तशिल्प के निर्यात में पिछले दशक के दौरान 15% की दर से वृद्धि देखी गई है. हालांकिपिछले साल की तुलना में चालू वर्ष के दौरान इसमें रुपये के संदर्भ में 7.89% और डॉलर के संदर्भ में 6.82% की वृद्धि हुई है. 2014-15 के दौरान हस्तशिल्प का निर्यात 18,639.14 करोड़ रुपये था.आईएचजीएफ-दिल्ली मेला शरद 2015 के दौरान बड़ी मात्रा में पूछताछ और ऑर्डर मिलने की उम्मीद है.

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