प्राचीन बाराही मेले के चमात्कारिक सरोवर में स्नान करने जुटे श्रद्धालु , क्षेत्र के रागिनी कलाकारों ने मचाई धूम

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प्राचीन बाराही मेले के चमात्कारिक सरोवर में स्नान करने जुटे श्रद्धालु , क्षेत्र के रागिनी कलाकारों ने मचाई धूम
ग्रेटर नोएडा। सूरजपुर में चल रहे प्राचीन बाराही मेले में रागिनी कलाकार धूम मचा रहे हैं। इसी क्रम में मंगलवार को ग्रेटर नोएडा के लोकप्रिय रागिनी कलाकार बलेराम भाटी मायचा एंड पार्टी ने अपनी प्रस्तुति देकर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।  वहीँ दिल्ली की डांसर पूजा शर्मा के डांस ने दर्शकों को झूमा  दिया।  कार्यक्रम की शुरुआत रोजाना की तरह शिव मंदिर सेवा समिति के पदाधिकारियों ने  भव्य आरती कर की।  इसके पश्चात लोकप्रिय रागिनी गायक कलाकार बलेराम भाटी मायचा ने  राजा हरिश्चंद्र के प्रसंग  को सुनाते हुए गया   “ले मरखट का वसूल कालिये”   जिसे सुन दर्शक भावुक हो गए।  रागिनी कलाकार कृष्ण खटाना ने भक्ति -रस में महाभारत  के गौ हरण प्रसंग को सुनाते हुए गया ” जाना तीर जाना,  गुरु धोरे जाना” । . हरियाणा से आई लोक कलाकार किरण शर्मा  ने  ” ओ गुरु जी इतना ज्ञान सीखा दे कोई गावणिया ही गाये ” और संतराज नागर ने “कातल बंधी अमावस  आयी”  और ऋतू शर्मा ने “एक दाढ़ी वाला छोरा” गाकर दर्शकों को झूमा दिया।  दिल्ली की डांसर पूजा शर्मा ने “मुझे रूप ने कहीं का न छोड़ा, ऐसी गली में लाकर मुझे छोड़ा, कि मैंने घुंघरू बाँध लिए ” गाने पर डांस कर युवा दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।  पेप्सी शर्मा मोदी नगर ने भी अपनी प्रस्तुति देकर दर्शकों को झुमाया।  कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दादरी विधायक सतवीर गुर्जर व विशिष्ट  अतिथि  बालकिशन शफीपुर, ग्रेटर नोएडा  प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक गौरव बंसल थे। अपने सम्बोधन में मुख्य  अतिथि  विधायक सतवीर गुर्जर ने अपने उद्बोधन में कहा प्राचीन बाराही मेला का आयोजन  हमारे पूर्वज करते थी।  वर्तमान में शिव मंदिर सेवा समिति के प्रयास से यह मेला जनपद गौतमबुद्धनगर का सबसे बड़ा मेला बन चुका है।  इस मौके पर शिव मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष धर्मपाल भाटी, महासचिव ओमवीर वैसला, लक्षमण सिंघल, मूलचंद शर्मा, सतपाल, सुभाष, यासीन , सुखवीर शर्मा,  तोला राम,  राकेश बंसल, जगदीश भाटी  आदि मौजूद रहे।
प्राचीन बाराही मेले के चमात्कारिक सरोवर में स्नान करने जुटे श्रद्धालु
प्राचीन बाराही मेले को देखने भीड़ उमड़ रह है। वहीं भारतीय संस्कृति को संजोए हुए इस मेले से कई ऐतिहासिक चिजें जुड़ी हुई हैं। इन्हीं में से एक है बाराही देवी मंदिर परिसर में स्थित चमात्कारिक सरोवर । मान्यता है कि इस सरोवर में नहाने से किसी भी प्रकार का चर्म रोग दूर हो जाता  हैं। प्रचलित कहानी के अनुसार हजारों वर्ष पहले इस स्थान पर पुल्सत्य मुनि  ने सैकड़ों वर्षों तक तपस्या की थी जिसके बाद यह स्थान सिद्ध हो गया और सरोवर भी चमात्कारिक बन गया। मंदिर के पास ही नौलखा बाग भी था जहां केला गढ़ वर्तमान में कासना की राजकुमारी निहाल दे घूमने आतीं थी और इसी चमात्कारिक सरोवर में स्नान किया करती थी। यहीं उसकी मुलाकात राजा सुल्तान से हुई थी। फिलहाल यहाँ दूर – दूर से चर्म रोग से पीडि़त रोगी चमात्कारिक तालाब में नहाने आते हैं। श्राद्धालुओं का भारी हूजूम सारोवर में नहाने के लिए जुट रहा है । मीडिया प्रभारी मूलचंद शर्मा  ने बताया समिति की ओर से सरोवर में स्नान करने वालों के लिए उचित व्यवस्था की गई है। महिला घाट अलग से बनाया गया है।  मेले में खाने पीने के स्वादिष्ट व्यंजनों की दूकानों के साथ साथ ही कपड़ों व लकड़ी से बने सामानों की दुकानें सजी हुई हैं । लोग जम कर खरीदारी कर रहे है। मनोरंजन के लिए अनेक प्रकार के झूले बच्चों के मनोरंजन के लिए लगे हैं।  नागिन पार्टी, नटकला, कठपुतली शो, मैजिक शो, जादूगर शो, सर्कस मौत का कुआं भी मनोरंजन के लिए मौजूद है।

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