GURMAT SAMAGAM ON GURU TEG BHADAR SAHIB JI SAHIDI DIWAS

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नई दिल्ली 25.11.14  हिंद की चादर साहिब श्री गुरू तेग बहादर जी के षहीदी दिवस के अवसर पर भाई लक्खी षाह वंजारा हाॅल, गुरूद्वारा रकाबगंज साहिब में गुरमति समागम के दौरान दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. ने गुरूपर्वों के दौरान अनुषासनात्मक सुधारो को जारी रखने और श्री गुरू गोबिंद सिंह जी का प्रकाष पर्व दिल्ली कमेटी द्वारा 28 दिसंबर को मनाने की संगतो को जानकारी दी। उससे पहले पंथ के प्रसिद्ध रागी जत्थो द्वारा श्री गुरू तेग बहादर साहिब जी की वैराग्यमयी बाणी का गायन करते हुए संगतो को गुरू साहिब की षहादत से प्रेरणा लेने की विणती की। षिरोमणी कथावाचक ज्ञानी पिन्दरपाल सिंह ने गुरू साहिब की षहादत को किसी धर्म के खिलाफ करार ना देते हुए उस धर्म के कुछ मतलबप्रस्त, दिखावटी धार्मिक लोगो की जिद्द को रोक लगाने का प्रतीक बताया।
जी.के. ने गुरू साहिब की लासानी षहादत करके सिख कौम को विरासत में मिली त्याग, स्वाभिमान तथा मानवता की सेवा की भावना के बारे में बताते हुए गुरू साहिब जी की षहादत को मानवीय अधिकारो और धर्म की आजादी की जड़ भी बताया। भाई बिधी चंद द्वारा गुरू साहिब के बारे गुरू हरिगोबिंद साहिब जी से पूछे गए सवालो का हवाला देते हुए गुरू तेग बहादर साहिब जी को मज़लूमो की रक्षा एवं दूसरे के हको के लिए पहरा देने वाला महापुरूष भी बताया। पंडित कृपा राम जी के वषंजो द्वारा गुरू साहिब जी के षहीदी दिवस पर श्री अंानदपुर साहिब और बठिंडा से श्रृण उतार यात्रा लाकर गुरूद्वारा सीसगंज साहिब सजदा करने को अच्छा कदम बताते हुए जी.के. ने दावा किया कि धर्मों के ठेकेदार हमारो बीच दीवारे खडी करते है जिससे हमें सुचेत रहकर गुरू साहिब जी के बताए मार्ग पर चलने की कोषिश करनी चाहिए।
गुरूद्वारा रकाबगंज साहिब जी दीवार को गिराने से रोकने के लिए भाई रंधीर सिंह मुखी अंखड कीर्तनी जत्था, जत्थेदार संतोख सिंह द्वारा गुरू साहिब जी को कैद रखने के प्रतीक चांदनी चैंक की कोतवाली सहित दिल्ली की संगतों द्वारा गुरूधामों की रक्षा एवं उनके विस्तार के लिए लगाए मोर्चों को भी उन्होंने इस अवसर पर याद किया। सफाई को सख्ती से लागू करने एवं आपातकालीन सेवाएं फायरब्रिगेड, ऐबुलैंस आदि की नगर कीर्तन तथा गुरमति समागमो के दौरान की गई व्यवस्था का जि़क्र करते हुए जी.के. ने समुची कौम को नगर कीर्तन, लंगर स्टाल के दौरान लंगर छकते हुए सफाई का खास ध्यान रखते पर आपातकालिन सेवाओं एवं स्कूली बच्चों को खुला रास्ता देने का भी संदेश दिया। कमेटी द्वारा इन मामलो पर लागू किए गए अनुषासनिक सुधारो को आगे भी जारी रखने का ऐलान करते हुए इन सुधारो के कारण सिख धर्म की खुषबु को दूसरे धर्माे के लोगो तक पहुंचने का जरीया भी बताया। गुरू गोबिंद सिंह जी के प्रकाष पर्व पर 28 दिसंबर को नगर कीर्तन एवं 29 दिसंबर को दीवान सजाने की जानकारी भी जी.के. ने इस अवसर पर संगतो के साथ सांझी की। गुरू तेग बहादर ऐजुकेषन एंड चैरीटेबल ट्रस्ट गुडगांव द्वारा जर्मन भाषा में छापी गई गुरू साहिब के इतिहास की किताब गुरू तेग बहादर हिंद की चादर  की पहली प्रति जी.के. ने भाई पिन्दरपाल सिंह जी को भंेट की। यहां यह वर्णनयोग है कि उक्त ट्रस्ट द्वारा यह किताब पहले हिन्दी, इग्लिष, पंजाबी, गुजराती एवं तेलगु में भी छापी जा चुकी है। भाई गुरदित सिंह हैदराबाद द्वारा तैयार की गई गुरबाणी सी.डी. तिलक जंझू राखा प्रभ ताका  को भी इस अवसर पर उन्होंने जारी किया।
  इस अवसर पर कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रविन्दर सिंह खुराना ने गुरू साहिब के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि गुरू तेग बहादर साहिब एवं गुरू गोबिंद सिंह जी का कोई सानी नही है। दिल्ली कमेटी के उपाध्यक्ष तनवंत सिंह,धर्म प्रचार कमेटी प्रमुख परमजीत सिंह राणा, मुख्य सलाहकार कुलमोहन सिंह, गुरबचन सिंह चीमा, चमन सिंह, हरदेव सिंह धनोआ, गुरविन्दर पाल सिंह, अमरजीत सिंह पिंकी, परमजीत सिंह चंढोक, स्त्री अकाली दल की प्रधान बीबी मनदीप कौर बख्षी एवं अकाली नेता रजिन्दर सिंह टैक्नो, हरचरन सिंह गुलषन और गुरमीत सिंह बाॅबी ने भी संगतो के दर्षन किए।

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