नोएडा : हज़ारों की संख्या में रेहड़ी-पटरी वालों ने तीसरे दिन भी प्राधिकरण के खिलाफ खोला मोर्चा
ROHIT SHARMA
नोएडा :– नोएडा शहर के हज़ारों रेहड़ी-पटरी वालों का तीसरे दिन भी नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ धरना प्रदर्शन जारी रहा। रेहड़ी वालों ने वेंडर जोन में किराये का निर्धारण नियमों के अनुसार न किए जाने को लेकर सवाल उठाए। उनका आरोप है कि नोएडा प्राधिकरण ने मनमाने तरीके से किराया तय कर दिया है।
किराया महंगा होने से दुकानदारी पर भी असर पड़ेगा। साथ ही ग्राहकों को उनकी जरूरत का सामान मिलने में भी दिक्कत होगी। उन्होंने कहा कि जब हम किराया महंगा देंगे तो सामान के रेट भी महंगे करने पड़ेंगे। ऐसे में जब सामान बिकेगा ही नहीं तो वेंडर जोन पॉलिसी फेल हो जाएगी।
आपको बता दें कि रेहड़ी-पटरी संगठनों व प्राधिकरण के अधिकारियों की मीटिंग भी हुई, लेकिन रेट कम करने से प्राधिकरण ने इनकार कर दिया। रेहड़ी वालों का कहना है कि अगर रेट कम नहीं किए गए तो प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा। प्रदर्शन में रेहड़ी वालों की अच्छी खासी भीड़ जुटी, इसके चलते सड़क तक ट्रैफिक बाधित रहा, जिससे पब्लिक को परेशानी का सामना करना पड़ा।
दरअसल वेंडर जोन पॉलिसी को रेहड़ी पटरी संगठनों ने हाई कोर्ट में एक साल पहले चैलेंज किया था। फिलहाल प्राधिकरण अस्थायी रूप से इसे शहर में लागू कर रही है। इसके लिए एक अस्थायी कमिटी गठित की गई है।
नोएडा प्राधिकरण पर आरोप है कि पिछले दिनों 1800 से लेकर 3000 रुपये प्रति माह, प्रति दुकान किराया प्राधिकरण ने तय कर दिया है। इसका कमिटी में प्रस्ताव भी नहीं रखा गया , मनमर्जी से किराया तय कर दिया गया। इसके बाद रेहड़ी संगठनों ने प्राधिकरण के साथ मीटिंग की लेकिन किराया कम करने से प्राधिकरण ने साफ इनकार कर दिया। वहीं हाई कोर्ट में चल रहे केस में भी इस मामले की अपील दाखिल कर दी गई है। जिस पर हाई कोर्ट ने 6 सप्ताह में प्राधिकरण से जवाब मांगा है।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे गंगेश्वर दत्त ने बताया कि मीटिंग में हमने मांग रखी कि रेहड़ी लगाने का किराया 500 से 1000 रुपये के बीच रखा जाए। या फिर जैसा जिसका काम हो उस हिसाब से किराया तय किया जाए , लेकिन प्राधिकरण ने हमारी मांग मानने से इनकार कर दिया है, ऐसे में हम भी प्रदर्शन जारी रखेंगे।
वही इस मामले में नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी इंदु प्रकाश ने बताया की रेहड़ी वालों की इस मांग को मान लिया गया है कि जब तक रेहड़ी वालों को वेंडर जोन में दुकान नहीं मिल जाती तब तक उन्हें हटाया नहीं जाएगा , लेकिन वे ऐसी जगह दुकान नहीं लगाएंगे, जहां ट्रैफिक प्रभावित हो। किराया कम करने के बारे में अथॉरिटी ने फिलहाल कोई विचार नहीं किया है। करीब 1500 लोगों ने चालान ले लिए हैं और सैंकड़ों ने फीस जमा करा दी है तो अब रेट कम नहीं किया जाएगा। चालान मिलने की तारीख एक सप्ताह और बढ़ा दी गई है।